प्रदेश में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट लागू करेगी योगी सरकार

  • वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगी कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
  • इस एक्ट को नोडल इन्वेस्टमेंट रीजन फॉर मैन्युफैक्चरिंग एक्ट (निर्माण) नाम दिया गया
  • गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान के बाद इस तरह का एक्ट लागू करने वाला चौथा राज्य होगा उत्तर प्रदेश
  • देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए किया जाएगा आकर्षित

लखनऊ, 2 जुलाई। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने और बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (एसआईआर) एक्ट को लागू करने का निर्णय लिया है। लोकभवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। इस एक्ट को निर्माण (नोडल इन्वेस्टमेंट रीजन फॉर मैन्युफैक्चरिंग) एक्ट नाम दिया गया है। इसके माध्यम से देश और दुनिया के बड़े-बड़े निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आर्थिक विकास को गति मिलेगी, जबकि जन सामान्य को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

एक्ट से डिसेंट्रलाइज होंगी शक्तियां
योगी कैबिनेट के इन निर्णय की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर ने बताया कि प्रदेश में स्पेशल इन्वस्टमेंट रीजन डेवलप करने के लिए यह एक्ट बनाया गया है। इस तरह का एक्ट अभी तक तीन राज्यों में है,जिनमें गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं। इस तरह इस एक्ट को लागू करने वाला यूपी चौथा राज्य बन जाएगा। उन्होंने बताया कि जो स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन होते हैं वो बड़े इन्वेस्टमेंट रीजन होते हैं, जहां पर क्लस्टर डेवलपमेंट होता है और साथ ही जो पावर स्टेट गवर्नमेंट में या बाकी डिपार्टमेंट्स में निहित होती हैं। उन्हें अथॉरिटी लेवल पर डिसेंट्रलाइज कर दिया जाता है। ऐसा करने से दो लाभ होते हैं, पहला जो मास्टर प्लानिंग हो उसमें यदि कोई बदलाव करना हो तो वहीं पर किया जा सकता है और दूसरा जितने भी एनओसी और क्लियरेंस जारी होते हैं जिनके लिए प्रदेश स्तर तक आना होता है वो शक्तियां भी डिसेंट्रलाइज हो जाती हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की अवधारणा के अनुरूप जितना डिसेंट्रलाइजेशन होगा। उतना ही अच्छी तरह से हम इन्वेस्टर्स को सर्विस दे पाएंगे।

प्रदेश के चार भौगोलिक क्षेत्रों में बनेंगे एसआईआर
प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने बताया कि प्रदेश सरकार का यह एक्ट बनाने का मकसद बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट रीजन बनाना और उन्हें कानूनी संरक्षण प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का जो लक्ष्य रखा है, उसके लिए आवश्यक है कि हमें बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट रीजन बनाने होंगे। उन्होंने बताया कि अभी हमने एक्ट में इन्वेस्टमेंट के लिए लैंड की मिनिमम लिमिट निर्धारित नहीं की है, लेकिन जैसे हमने बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की स्थापना की है, जिसके लिए 5 हजार हेक्टेयर का एरिया रखा है उसी तरह स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन में भी बड़ा एरिया रखा जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश में कम से कम चार ऐसे स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन बनाए जाएंगे, जो प्रदेश के चारों भौगोलिक क्षेत्रों में होंगे। उन्होंने बताया कि हमारे पास लैंड बैंक की उपलब्धता काफी है, लेकिन यदि आवंटन के लिए लैंड बैंक की बात करें तो करीब 20 हजार एकड़ के आसपास लैंड बैंक उपलब्ध है।

 

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