प्रयागराज में ज्ञान महाकुंभ आयोजित करेगा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास
राँची में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग संपन्न
जिस प्रकार प्राचीन भारत में ऋषि मुनि समस्याओं के समाधान हेतु नैमिषारण्य में एकत्रित होते थे, उसी प्रकार शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास 7, 8 व 9 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में ज्ञान महाकुम्भ आयोजित करेगा, न्यास के इस ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा के सभी घटक एक साथ एकत्रित होकर देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु मंथन करेंगे। प्रयागराज में होने वाले इस ज्ञान महाकुंभ से पूर्व देश के चार अलग अलग भागों में ज्ञान कुंभ आयोजित किए जाएँगे, जिसमें उत्तरी भारत का ज्ञान महाकुंभ हरिद्वार में, पश्चिम भारत का ज्ञान महाकुंभ कर्णावती में, पूर्वी भारत का ज्ञान महाकुंभ नालंदा में तथा दक्षिण भारत का ज्ञान महाकुंभ पुडुचेरी में आयोजित किया जायेगा। इस ज्ञान महाकुंभ से निश्चित ही देश की शिक्षा को एक नया विकल्प देने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे। यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ अतुल कोठारी ने कही। उन्होंने आगे कहा कि इस ज्ञान कुंभ की महत्ता इससे ही समझी जा सकती है कि देशभर के सैकड़ों कार्यकर्ता एक माह से लेकर एक वर्ष तक का समय दान करेंगे। डॉ अतुल कोठारी जी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस ज्ञान महाकुंभ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री सुरेश गुप्ता ने न्यास के नये दायित्वों की घोषणा करते हुए बताया कि केरल के ए. विनोद अब न्यास के राष्ट्रीय संयोजक होंगे, मेरठ प्रान्त के प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह अब प्रान्त संरक्षक होंगे, प्रोफेसर डॉ. ओमकार सिंह को मेरठ प्रान्त अध्यक्ष, डॉ. राजीव अग्रवाल एवं डॉ. राजीव पाण्डेय को सहसंयोजक मेरठ प्रान्त, तथा पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र में प्रोफेसर शैलेन्द्र सिंह गौरव को शोध प्रकल्प का क्षेत्र संयोजक, डॉ. योगेन्द्र सिंह को तकनीकी शिक्षा का क्षेत्र संयोजक, प्रोफेसर संजय कुमार शर्मा को भारतीय ज्ञान परम्परा का क्षेत्र संयोजक बनाया गया है l शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री सुरेश गुप्ता ने बताया कि न्यास ने भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर जो कार्य आरम्भ किया है, उसके राष्ट्रीय संरक्षक के रूप में दिल्ली के प्रो. रमेश भारद्वाज कार्य देखेंगे। नये दायित्वों की घोषणा होने पर न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी जी एवं उत्तर क्षेत्र व पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संयोजक श्री जगराम जी ने नये दायित्ववान कार्यकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामानाएं देते हुए उनसे राष्ट्रहित में कार्य करने का आव्हान किया ।
रांची में हुई इस राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग के विषय में जानकारी देते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के मेरठ प्रान्त संयोजक डॉ. वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि इस अभ्यास वर्ग में न्यास के विभिन्न प्रान्तों के चयनित कार्यकर्ताओं को निमंत्रित किया गया था और वर्ग में उपस्थित रहने से पूर्व कार्यकर्ताओं को तैयारी की दृष्टि से कुल 6 कार्य दिये गये थे। कार्यकर्ता विकास के लिए आयोजित इस वर्ग में न्यास की कार्य पद्धति, कार्य शैली, प्रवास, पंचपरिवर्तन (कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य बोध, स्वदेशी व स्वबोध) समन्वय जैसे व्यवहारिक विषयों पर कार्यकर्ताओं का प्रबोधन किया गया साथ ही सभी के साथ चिंतन व चर्चा सत्र भी आयोजित किए गए। उन्होंने आगे बताया कि इस अभ्यास वर्ग में देशभर के 35 से अधिक प्रांतों से 350 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमे मेरठ प्रान्त से 15 कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की रांची में हुई इस राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में पारित प्रस्ताव के विषय में जानकारी देते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास मेरठ प्रान्त के संरक्षक प्रोफेसर डॉ. हरेन्द्र सिंह ने बताया कि न्यास के इस प्रस्ताव में भारतीय भाषा, चरित्र निर्माण, मूल्यों व संस्कारों की शिक्षा, भारतीय ज्ञान परम्परा का शिक्षा में समावेश, शिक्षकों का प्रशिक्षण व शिक्षण एवं शिक्षा में व्यवहारिकता व कौशल विकास जैसे विषयों पर शासन और समाज का ध्यान आकर्षित कर चुनौतियों से अवगत करवाने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया। इस राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग में देश के 20 से अधिक विश्वविद्यालयों व केंद्रीय संस्थानों के कुलपति एवं निदेशको ने प्रमुख रूप से सहभागिता की।