एपीजे इंटरनैशनल स्कूल ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एपीजे इंटरनैशनल स्कूल , ग्रेटर नोएडा के कक्षा एक से बारहवीं तक के विद्यार्थियों ने अपने शारीरिक शिक्षा योग गुरु श्रीमान उपेंद्र शर्मा जी के साथ विभिन्न प्रकार के योग किए और उन्होंने यह भी बताया कि योग से हमें वह आत्मविश्वास मिलता है, जिससे हम अपने तनाव को दूर कर सकते हैं। इससे हमें मानसिक शांति के साथ संयम और सहनशक्ति भी मिलती है।
सभी ने अपने-अपने घरों में बैठकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस वर्चुल रूप से मनाया।
सभी अभिभावक, विद्यार्थी और शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। योग दिवस के ऊपर एक प्रस्तुति दी गई जिसका संचालन कक्षा 12वीं की छात्रा ऐश्वर्या शर्मा ने किया । उसके उपरान्त सूर्य नमस्कार के 12 आसन सभी विद्यार्थियों द्वारा किए गए जिससे विद्यार्थियों को सहन एवं निरंतर कार्य करने की शक्ति मिलती है ।
इसके बाद बैठकर किए जाने वाले आसन , लेटकर किए जाने वाले आसन , पीछे पैर मोड़कर किए जाने वाले आसन संर्वागासन , हलासन जो पीठ , गर्दन , पैर और हाथ की मांसपेशियों को ताकतवर बनाते हैं। ध्यान के विभिन्न तरीकों से क्रियात्मक रूप से परिचित कराया गया जिसमें भस्त्रिका , कपालभाति , अनुलोम विलोम , भ्रमरी इत्यादि प्राणायामों का अभिभावकों एवं विद्यार्थियों द्वारा उत्साहपूर्वक सहयोग दिखाया गया |
उसके बाद आसन बिठाकर किए जाने वाले आसन कौण आसन जिसे तितली आसन भी बोला जाता है वज्रासन , मंडुका ,इत्यादि सभी आसन किए गए। उसके बाद लेट कर किए जाने वाले आसन भुजंगासन , साल्वर्सन , धनुरासन , मकरासन चक्रासन इन सभी को शरीर की मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के लिए आसन किए गए | इसके बाद योग का राजा कहा जाने वाला शीर्षासन भी हृदय की रक्तचाप की गति को सामान्य करने के लिए किया गया। मेडिटेशन योग भी किया गया जिसमें शांति पाठ का आयोजन किया गया।
ततपश्चात हास्य क्रिया द्वारा मानसिक तनाव मुक्त करने के तरीके बताए और बच्चों को थेरेपी के द्वारा हाथ की उंगलियों पर अंगूठा को किस तरीके से क्रियाशील किया जाता है इस बात का ज्ञान प्रयोगात्मक रूप से निर्धारित करते हुए किया गया।
अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती डॉ सरिता पांडे ने सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि सभी को रोजाना दो आसन करने चाहिए और यह बात याद रखें कि योग एक दिन के लिए नहीं अपितु हमें अपनी जीवन शैली में इन आसनों को हमेशा के लिए अपनाना है और शारीरिक शिक्षक उपेंद्र शर्मा जी की विशेष रूप से प्रयोगात्मक योग करने के लिए भूरि- भूरि प्रशंसा की ।