अतिक्रमण हटाने गई प्राधिकरण की टीम पर अवैध कब्जा धारकों ने किया हमला,किसानों का आरोप, आबादी की तोड़फोड़ का विरोध करने पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
ग्रेटरनोएडा: इटैड़ा गांव में अर्जित कब्जा प्राप्त जमीन पर अवैध कब्जा हटाने गई प्राधिकरण की टीम पर अवैध कब्जा धारकों ने पथराव कर दिया, जिसमें प्राधिकरण के सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। प्राधिकरण की तरफ से अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इटैड़ा गांव के खसरा नंबर-435 की जमीन लगभग 15 साल पहले अधिग्रहित कर चुका है। अधिकांश किसानों ने मुआवजा भी ले लिया है। कुछेक किसानों ने मुआवजा नहीं उठाया है तो उनका मुआवजा भी प्राधिकरण ने एडीएम (एलए) के यहां जमा कर रखा है। कुछ अवैध कब्जा धारकों गांव की खसरा नंबर-435 की जमीन ( लगभग 1.68 हेक्टेयर) के कुछ हिस्से पर अवैध दुकानें बनाकर कब्जाने की कोशिश कर रहे थे। अवैध कब्जा हटाने के लिए प्राधिकरण की तरफ से पूर्व में ही नोटिस की गई थी, लेकिन कब्जा धारकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वर्क सर्किल 3 की टीम अपने सुरक्षाकर्मियों व पुलिस के साथ अवैध कब्जे को तोड़ने मौके पर पहुंच गई। कार्रवाई शुरू करते ही अवैध कब्जा धारक कुछ लोगों के साथ मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करते हुए प्राधिकरण की टीम पर हमला कर दिया। टीम पर पत्थरबाजी करने लगे। इस हमले में प्राधिकरण के सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए। इसी दौरान एक अवैध कब्जा धारक को भी चोट आई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण की तरफसे इस घटना की एफआईआर बिसरख थाने में दर्ज कराई गई है। प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण की अनुमति के बिना किसी भी व्यक्ति को अधिसूचित या कब्जा प्राप्त जमीन पर अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। अगर कोई अवैध निर्माण कर जमीन कब्जाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किसानों का आरोप, आबादी की तोड़फोड़ का विरोध करने पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
इंटैड़ गांव में तोड़फोड़ का विरोध करते हुए किसान सभा के जिला कार्यकारिणी सदस्य एमपी यादव सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से हुए घायल। किसान सभा के कार्यकर्ताओं में घटना से भारी रोष। किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में बिसरत थाने का किया घेराव। दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग। आबादियों के सुनवाई हो चुके प्रकरणों को जल्दी ही प्रस्तावित बोर्ड बैठक में ले जाने की मांग तेज हुई। किसानों ने आगामी बोर्ड बैठक का विरोध किया जाएगा। किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ रूपेष वर्मा ने कहा कि 1 साल के लगातार आंदोलन के परिणाम में 16 सितंबर 2023 को हुए समझौते के क्रम में, हाई पावर कमेटी के गठन के क्रम में किसानों के सभी मसलों सहित आबादी के मसले का हल किया जाना अभी तक शेष है। किसान सभा ने 800 से अधिक प्रकरणो की पूरे 1 साल लगातार फरवरी महीने तक सुनवाई करवाई थी। उक्त सभी प्रकरणों का बोर्ड बैठक से पास किया जाना शेष है।