पांच महीने से ग्रेनो व यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक भूखंड़ों का आवंटन अधर में लटका

प्रदेश सरकार औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंवेस्टर्स समिट कर रहा है, वहीं ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण कई बड़ी कंपनियां औद्योगिक निवेश को लेकर पांच से आवेदन कर रखा है, लेकिन उन्हें औद्योगिक भूखंड आवंटन नहीं पा रहा है। शासन स्तर पर औद्योगिक भूखंड आवंटन को लेकर नीति निर्धारित नहीं हो पा रहा है। दोनों प्राधिकरण की तरफ से प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास को पत्र भेजकर भूखंड आवंटन का नीति निर्धारित करने का अनुरोध किया जा चुका है। बावजूद इसके शासन स्तर से औद्योगिक भूखंड आवंटन को लेकर नीति निर्धारित नहीं पाया है।

गौतमबुद्धनगर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना तीन औद्योगिक विकास प्राधिकरण है। पहले तीनों प्राधिकरणों में औद्योगिक भूखंड का आवंटन साक्षात्कार के माध्यम से होता था। बाद में नोएडा और ग्रेटर नोएडा ने बोर्ड से प्रस्ताव पास कराकर औद्योगिक भूखंड़ों का आवंटन ई-ऑक्शन से कर दिया। कुछ माह बाद ग्रेनो ने प्राधिकरण ने बोर्ड में प्रस्ताव पास कर सभी प्रकार के औद्योगिक भूखंड़ों का आवंटन साक्षात्कार से कर दिया। वहीं यमुना प्राधिकरण ने चार हजार वर्गमीटर से छोटे भूखंड का आवंटन ड्रा और चार हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंड का आवंटन साक्षात्कार से जारी रखा। 30 जनवरी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 44 औद्योगिक भूखंड़ों की योजना निकाली। इसी तरह यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण एक जनवरी को मिक्स लैंड यूज के आठ और डाटा सेंटर पार्क के पांच भूखंड़ों की योजना निकाली। जिसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी 2024 थी। पांच फरवरी को औद्योगिक विकास आवस्थापना मनोज कुमार सिंह ने तीनों प्राधिकरणों को पत्र जारी कर ई-ऑक्शन व अन्य पद्धति से औद्योगिक भूखंड़ों के आवंटन पर रोक लगा दी। उन्होंने पत्र में हवाला दिया कि औद्योगिक विकास मंत्री ने आदेशित किया है कि मुख्यमंत्री से मार्गदर्शन प्राप्त होने के बाद औद्योगिक भूखंड आवंटन पर नीति बनाई जाएगी। इसके बाद ही औद्योगिक भूखंड का आवंटन किया जाएगा। फरवरी माह बीत जाने के बाद भी शासन स्तर से कोई नीति नहीं बन पाई। इसके बाद लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गई। ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में सैकड़ों लोगों ने औद्योगिक भूखंड के लिए आवेदन कर रखा है, आज तक उनके भूखंड आवंटन पर कोई नीति नहीं बन पाई। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में चार हजार वर्गमीटर से बड़े 34 भूखंड़ों और चार हजार वर्गमीटर से छोटे 70 औद्योगिक भूखंड़ों का आवंटन अधर में लटका हुआ है।

यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ने मिक्स लैंड यूज के लिए सर्वोत्तम सिस्टम, मदर्सन यूवी, मदर्सन ऑटो, बोल्ट गेम्स, मिन्डा, ओरियान पावर लिमिटेड और डाँटा सेंटर पार्क के लिए श्री हैंड इंफ्रास्ट्रक्चर, गौतमबुद्धनगर कार्प प्रालि, इमरग्लास इंडिया, फेडिमिया टाउन प्लानर आदि कंपनियों ने आवेदन कर रखा है।

यमुना प्राधिकरण बोर्ड में ले जाएगा प्रस्ताव

प्रदेश सरकार की तरफ से औद्योगिक भूखंड आवंटन को लेकर नीति निर्धारित न होने पर अब यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण इसका प्रस्ताव आगामी बोर्ड में ले जाने का विचार कर रहा है। जिसमें प्राधिकरण ने मिक्स लैंड यूज और डॉटा सेंटर पार्क के लिए साक्षात्कार से भूखंड आवंटन के लिए अनुमोदन लेगा। बोर्ड से अनुमोदन होने के बाद प्राधिकरण भूखंड का आवंटन करेगा।

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