सी.सी. मिलने के बाद भी प्रोमोटर द्वारा कब्जा न देने पर रेरा सख्त
• अध्यक्ष उ.प्र. रेरा श्री संजय भूसरेड्डी ने रेरा के आदेश के एक वर्ष बाद भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा अलकनंदा परियोजना के 09 आवंटियों की रजिस्ट्री न करने पर कड़ा रूख अपनाया।
• समस्त 09 आवंटियों के आवासों को सी.पी.सी. के अनुसार रजिस्ट्री तथा कब्जे की कार्यवाही सुनिश्चित कराने के लिए पत्रावलियां एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर के न्यायालय को संदर्भित किया।
• आवंटियों को कब्जा देने में विलम्ब के लिए वर्ष 2016 से ब्याज के भुगतान हेतु वसूली प्रमाण-पत्र जारी करने के भी आदेश दिए।
• अध्यक्ष रेरा द्वारा प्रोमोटर की इस कार्य प्रणाली पर गम्भीर नाराज़गी व्यक्त की गयी है कि परियोजना की सी.सी. प्राप्त होने के बावजूद आवंटियों के नाम रजिस्ट्री नहीं की गयी।
लखनऊ/गौतमबुद्धनगरः श्री संजय भूसरेड्डी, अध्यक्ष उ.प्र. रेरा की पीठ के समक्ष दिनांक 26.04.2024 को प्रयागराज विकास प्राधिकरण के 09 आवंटियों की शिकायतों पर रेरा द्वारा मार्च 2023 में पारित आदेशों के कार्यान्वयन के मामलों की सुनवाई हो रही थी। उन्होंने देखा कि प्रोमोटर के अलकनंदा अपार्टमेंट परियोजना, जिसके आवंटियों के मामलों की सुनवाई हो रही थी, का पूर्णता प्रमाण-पत्र माह जनवरी 2024 में जारी हो गया था। रेरा द्वारा प्रोमोटर को आदेश के अनुपालन हेतु कई अवसर दिए जाने के बावजूद प्रोमोटर द्वारा आवंटियों के नाम उनकी संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं की गयी जबकि रेरा ने उनके नाम रजिस्ट्री करने और कब्जा देने में विलम्ब के लिए ब्याज देने के आदेश मार्च 2023 में ही दिए थे। श्री भूसरेड्डी ने प्रोमोटर की हीला-हवाली पर गम्भीर अप्रसन्नता व्यक्त की और सभी 09 मामलों को रेरा के एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर, जो कि जिला जज रहे हैं, के न्यायालय को सी.पी.सी. में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए रजिस्ट्री तथा कब्जे की कार्यवाही सुनिश्चित कराने के लिए प्रेषित कर दिया।
इसके साथ ही उन्होंने इन सभी मामलों में आवंटियों को वर्ष 2016 से एस.बी.आई. एम.सी.एल.आर+1 प्रतिशत की दर से ब्याज के भुगतान हेतु वसूली प्रमाण-पत्र जारी करने का भी आदेश दिया है।
इस अवसर पर श्री संजय भूसरेड्डी द्वारा यह जानकारी दी गयी कि रेरा का आदेश होने और परियोजना का पूर्णता प्रमाण-पत्र भी होने के बावजूद प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटियों के नाम रजिस्ट्री न किया जाना आपत्तिजनक ही नहीं बल्कि सम्बन्धित विकास प्राधिकरण के लिए आर्थिक रूप से अलाभप्रद है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सरकारी प्राधिकरणों को हमेशा आगे आकर आवंटियों को उनके घरों के कब्जे रजिस्ट्री उपरान्त दे देने चाहिए और उनके द्वारा रजिस्ट्री और कब्जे में जितना विलम्ब किया जाएगा, कब्जे में विलम्ब के लिए ब्याज की धनराशि में उतनी ही वृद्धि होती रहेगी। रेरा का कार्य रेरा अधिनियम के अनुसार आवंटियों को राहत प्रदान करना है।