Yamuna Authority: जापान की चार बड़ी कंपनियां ने मेडिकल डिवाइस में निवेश की जताई इच्छा
ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के मेडिकल डिवाइस में जापान की चार बड़ी कंपनियों ने निवेश की इच्छा जताई है। शत प्रतिशत विदेशी निवेश वाली चारों कंपनियों के प्रतिनिधि जून में मेडिकल डिवाइस का दौरा करेगी। इसके बाद निवेश को लेकर अपनी सहमति देगी। फार्मास्यूटिकल्स, रक्त बैग, डिस्पोजेबल चिकित्सा उपकरण, हृदय प्रणाली, संवहनी ग्राफ्ट, पेरिटोनियल डायलिसिस, रक्त ग्लूकोज निगरानी प्रणाली, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल थर्मामीटर सहित चिकित्सा उत्पादों और उपकरणों का निर्माण और बिक्री करने वाली कंपनी भी शामिल है। अगर सब कुछ ठीक रहा और जापान की चोरों कंपनी मेडिकल डिवाइस में कई सौ करोड़ के विदेशी पूंजीनिवेश कर सकती है।
केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की सहयोग से यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण किया जा रहा है। मेडिकल डिवाइसेस पार्क के निर्माण को यमुना प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 350 एकड़ में विकसित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क मैं निवेश प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के डेलिगेशन द्वारा जापान के टोक्यो शहर में आयोजित मेडटेक शो मैं प्रतिभाग किया। उत्तर प्रदेश सरकार के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अनिल कुमार सागर के नेतृत्व में डॉक्टर अरुण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण तथा सलाहकार संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा जापान में 17 अप्रैल से 20 अप्रैल तक आयोजित इस विश्व प्रसिद्ध में मेडटेक मैं प्रतिभाग किया। जिसमें मेडिकल डिवाइस से जुड़ी 26 कंपनियों के साथ अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें जापान की चार बड़ी कंपनी रेरूमा, ताइशो, टेक्नो होराइजन, मेनिस ग्रुप को यमुना प्राधिकरण की तरफ से मेडिकल डिवाइस में दी जा रही सुविधाओं को सराहा और उन्होंने निवेश की इच्छा जताई। जून में चारों कंपनी के प्रतिनिधि यमुना प्राधिकरण पहुंच कर सेक्टर 28 में बन रहे मेडिकल डिवाइस का भी दौरा करेंगे। इसके बाद निवेश को लेकर फैसला लेगा।
यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरूणवीर सिंह ने बताया कि मेडिकल डिवाइस में निवेश करने वाली कंपनियों को प्रदेश सरकार की तरफ से तमाम सहूलियत दी जा रही है। शत प्रतिशत विदेशी पूंजीनिवेश करने वाली कंपनियों को अलग से कई सुविधाएं प्रदान की जा रही है। कंपनियों को प्रदेश सरकार की तरफ से मेडिकल डिवाइस में निवेश करने वाले कंपनियों को उनके अनुसार तैयार करने के लिए स्किल डवलपमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर कंपनी के लिए करीब 500 कर्मचारियों को स्किल डवलपमेंट का प्रशिक्षण पांच साल के लिए दिया जाएगा। जिसका सारा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। सीईओ ने बताया कि जापान की कंपनियों को प्रदेश सरकार का यह प्रस्ताव सबसे अच्छा लगा। आज तक किसी कंपनी को प्रशिक्षित कामकार उपलब्ध की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जापान की रेरूमो कंपनी फार्मास्यूटिकल्स, रक्त बैग, डिस्पोजेबल चिकित्सा उपकरण, हृदय प्रणाली, संवहनी ग्राफ्ट, पेरिटोनियल डायलिसिस, रक्त ग्लूकोज निगरानी प्रणाली, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल थर्मामीटर सहित चिकित्सा उत्पादों और उपकरणों का निर्माण करती है। ताइशो कंपनी वेडसाइट, मॉनिटरिंग, पंप आदि मेडिकल डिवाइस से संबंधित उपकरण का निर्माण करती है। टेक्नो होराइजन रोबोटिक सर्जरी का उपकरण तैयार करती है। मेनिस ग्रुप आर्टीफियल इंटेलीजेंसी उपकरण तैयार करती है। उल्लेखनीय हैं कि भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार की नोडल एजेंसी यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अपने सेक्टर नोएडा इंटरनेशनल एअरपोर्ट के समीप सेक्टर 28 में विकसित किए जा रहे हैं मेडिकल डिवाइस पार्क में अभी तक करीब 74 कंपनीज को भूखंड आवंटित किया जा चुके हैं। इन आवंटनों से प्राधिकरण में करीब रुपए 1415.24 करोड़ का निवेश प्राप्त हुवा है तथा उत्तर प्रदेश में 8895 रोजगारों का सृजन हुआ है।