चेन और लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय बावरिया गैंग के तीन बदमाश गिरफ्तार, लूटी गई 10 लाख की चेन बरामद
नोएडा में क्राइम को रोकने के लिए बनाई गई क्राइम रिस्पांस टीम ने थाना सेक्टर 20 पुलिस के साथ मिलकर एक ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान अंतरराज्यीय पेशेवर बावरिया गैंग के तीन बदमाशों को पकड़ा है। उनके कब्जे से लूटी गई 10 लाख की चेन और लूट में इस्तेमाल की जाने वाली चोरी की बाइक, एक कार, दो मोबाइल फोन और तीन तमंचे और कारतूस बरामद किया है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े शेर सिंह उर्फ शेरू, सनी शर्मा और दया सागर तीनों अंतरराज्यीय पेशेवर बावरिया गैंग के सदस्य हैं, जिन्हें पुलिस ने सेक्टर 31 के शहीद भगत सिंह पार्क के पास से गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से लूट की 10 सोने की चेन जिनकी कीमत 10 लाख रुपए है और लूट की वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली निशान मैग्नेट कार, चोरी की मोटरसाइकिल, दो मोबाइल फोन, तीन तमंचे और कारतूस बरामद किया है. क्राइम रिस्पांस टीम के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड शेर सिंह उर्फ शेर है, घटनाओं को अंजाम देने के लिए रणनीति तैयार करता है जिसका पालन उसके गिरोह के सदस्य करते हैं. इस गैंग की मॉडसअप्रेंटी है कि जिस जनपद में वारदात को अंजाम देना होता है, वहां जाकर कुछ दिन पूर्व किराए पर रहना शुरू कर देते हैं और जगह की रेकी कर वारदात को अंजाम देते हैं. चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम देने के लिए यह गिरोह पहले एक मोटरसाइकिल चोरी करता है और वारदात को अंजाम देने के समय उसका नंबर प्लेट हटा देता है. फिर शृंखलाबद्ध तरीके से वारदात को अंजाम देते हैं.
शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ये गैंग अगर एक वारदात अगर सेक्टर 26 में करता है तो अगली वारदात सेक्टर 19 में करेगा, उसके बाद सेक्टर 20 में फिर पुनः सेक्टर 26 में वारदात की जाएगी, क्योंकि वारदात होने के बाद पुलिस उसे सेक्टर में ग्रस्त बढ़ा देती है इसका फायदा उठाकर यह दूसरे सेक्टर में वारदात को अंजाम देते हैं. कितना ही नहीं इस ग्रुप के सदस्य पुलिस से बचाना के लिए चेन स्नैचिंग में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल को कुछ दूरी पर जाकर खड़ी कर देते हैं जहां पर उनका एक साथी पहले से ही कर को लेकर खड़ा होता है और उसमें बैठकर भाग जाते हैं.
यह गैंग एक जनपद में चार-पांच घटना करने के पश्चात दूसरे जनपद की ओर बढ़ जाता है, पहली घटना के पश्चात अन्य घटना में करीब 500 किलोमीटर की अंतर वाले अन्य प्रदेश जनपद में घटनाओं को अंजाम देता हैं. जैसे कि अगर पहली घटना नोएडा में की है, तो दूसरी घटना लखनऊ के आसपास के जनपदों में करेगा. कितना ही नहीं गिरोह स्नैचिंग की वारदात को करने के बाद, पुनः स्नैचिंग की घटना को करने से पहले घटना में इस्तेमाल किये वाहन को बदल देता है।