कोर्ट ने माना लालू ने चारा खाया, जानिए चारा घोटाले से जुड़े कुछ तथ्य और घटनाएं

ग्रेटर नोएडा : चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने श्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है| 3 जनवरी को मामले अब उनको सजा सुनाई जाएगी| फैसला आने के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. लालू सहित 16 लोगों को अदालत ने दोषी पाया है| इस मामले में दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है| करीब 21 साल तक चले इस मामले में इससे पहले कई पूर्व अधिकारियों को सजा सुनाई जा चुकी है|

अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख़, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में फैसला सुनाया है. अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

चारा गबन एक छोटे स्तर से बाबुओ द्वारा शुरू एक प्रक्रिया थी जिसमे चारा के नाम पर धोखा धड़ी से बिल तैयार करना शामिल था| धीरे- धीरे यह गबन का इतना आकर्षक तरीक़ा बन गया की बड़े से बड़े राजनेता व उद्योगपति भी इसमें शामिल हो गए| लालू उन सबमे सबसे बड़ा नाम थे| यह गबन कैग श्री चतुर्वेदी जी के ईमानदार कार्य प्रणाली के कारण उजागर हुआ था|

प्रमुख घटनाये:

1. 1000 करोड़ रुपये का यह घोटाला 1996 में सामने आया था. इसमें जानवरों के चारा, दवाएं और पशुपालन से जुड़े उपकरणों के पैसे में गड़बड़ी की गई थी|

2. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, नौकरशाह, नेता और कई लोगों का नाम सामने आया था|

3. साल 2013 में इस मामले के 53 में से 44 केसों की सुनवाई पूरी हो गई और 500 लोगों को दोषी पाया गया और कई अदालतों ने उनको सजा सुनाई. इसी साल अक्टूबर महीने में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के लालू प्रसाद यादव और सहित 22 लोगों को सजा सुनाई गयी|

4. इस फैसले के खिलाफ लालू प्रसाद यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और वहां से वो जमानत पर बाहर आए थे|

5. 23 जून 1997 में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव सहित 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. इसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रदेव प्रसाद वर्मा का भी नाम था|

6. इसके बाद लालू और जगन्नाथ मिश्रा ने अग्रिम जमानत की गुहार लगाई. कोर्ट ने जगन्नाथ की अर्जी तो मंजूर कर ली लेकिन लालू को अग्रिम जमानत नहीं मिल पाई. 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी लालू की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी|

7.इसके बाद एक मार्च 2012 को सीबीआई ने पटना कोर्ट में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा सहित 32 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. आज यानी 23 दिसंबर 2017 को लालू यादव को इसी मामले से जुड़े एख और केस में अदालत ने दोषी करार दिया है. जबकि जगन्नाथ मिश्रा सहित 17 लोगों कों बरी कर दिया है|

8. लालू सहित 5 लोगों को अब 3 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. फैसला आने के बाद उनको तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया है|


लेखक परिचय :

Lt.  Col. Atul Tyagiलेफ्टिनेंट कर्नल अतुल त्यागी दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता है। श्री त्यागी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, यमुना अथॉरिटी, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस और कहिए जैसे संस्थानों से जुड़े हुए हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल अतुल त्यागी सामाजिक व समसायिक विषयों पर अपने लेख के जरिये विचार व्यक्त करते रहते हैं। फिलहाल वो एक लॉ फर्म FAIR LAW PRACTITIONERS का संचालन ग्रेटर नोएडा में कर रहे हैं .