विश्वस्तरीय कांफ्रेंस आई.सी.पी.आर-17 का भव्य शुभारम्भ, डा० यदुवंशी ने किया शोधार्थियों का उत्साहवर्धन
ग्रेटर नोएडा : पैटर्न रिकग्निशन तकनीक विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन सरस्वती व् गणेश वंदना द्वारा किया गया। स्वागत उदबोधन मे कार्यक्रम के जनरल चेयर व कन्वेनर प्रोफेसर राजवीर सिंह यदुवंशी ने बताया की इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे वे व उनकी पूरी टीम इस साल के जनवरी माह से ही पूर्ण निष्ठा से कार्य कर रही थी । उन्होंने कहा की इस आई.सी.पी.आर-17 द्वारा हमने पूरे विश्व से आये शोधपत्रों का रिव्यु किया है जो कि भारत को तकीनीकी क्षेत्र मे सबल बनियेगा व मज़बूती प्रदान करेगा।
विधायक कृष्णा नगर एस.के बग्गा जी ने आयोजन समिति को धन्यवाद देते हुए बोले की ऐसे आयोजनों से ही हम तकीनीकी उंचाईयों को छुएँगे। समारोह के गेस्ट ऑफ़ ऑनर व जापान से आये प्रोफेसर ऍम.तमूरा जी ने कहा की भारतीय विद्यार्थियों जैसा जज्बा मुझे पूरे विश्व मे नहीं देखने को मिला इसी वजह से पिछले 5 वर्षों से मे अपने शोध कार्य भारत मे ही कर रहा हूँ ।
“ऐ.आई .ऐ.सी.टी.आर” के प्राचार्य श्री राजीव कपूर जी ने कहा 17 वर्षों मे पहली बार ऐसा आयोजन यहाँ हुआ है, इससे तकीनीकी क्षेत्र मे हम सबल होंगे। आयोजन समिति की को-जर्नल चेयर प्रोफेसर नन्हे सिंह जी ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा ही यह भारत के पहली इस तरह की कांफ्रेंस है जो नि:शुल्क है नहीं तो अन्य इस स्टार की कॉन्फरेन्सेस मे 8 हज़ार से 10 हज़ार केवल एप्लीकेशन फीस होती है । उन्होंने कहा इस कांफ्रेंस मे कई ऐसे प्रतिभावान गरीब छात्रों ने भी भाग लिया जिनके पास प्रतिभा तो है पर अपना शोध पत्र किसी भी कांफ्रेंस मे प्रस्तुत करने की फीस नहीं है । को-जर्नल चेयर डा. सुरेश कुमार ने कहा की सारे शोध पत्र “स्प्रिंगर जर्नल” मे प्रकाशित किये जायेंगे । सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला मे बीटेक की छात्रा कु. विशाखा के कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया ।
गौरव वार्ष्णेय को मिला यंग साइंटिस्ट व बेस्ट पेपर अवार्ड
राष्ट्रीय प्रद्योगिकी संस्थान दिल्ली के रिसर्च स्कॉलर गौरव वार्ष्णेय ने तीन शोधपत्र प्रस्तुत किये व निर्णायक मंडल द्वारा इन्हे बीट पेपर अवार्ड व यंग साइंटिस्ट अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया। पूरे भारत मे युवा शोधार्थियों के बीच गौरव वार्ष्णेय की की एक विशेष पहचान है इतनी काम उम्र मे उनके पांच रिसर्च पेपर विश्व के सबसे प्रतिष्ठित जर्नल आई.ई.ई.ई मे प्रकाशित हो चुके हैं।
कार्यक्रम के मीडिया कोऑर्डिनेटर श्री गौरव तिवारी ने बताया की इस विश्वस्तरीय कांफ्रेंस मे आज लगभग ४०० शोधार्थियों ने अपने अपने शोध पत्र पढ़े जिसमे १० विदेशी छात्र थे । उन्होंने बताया की आयोजन समिति में डा॰ नन्हे सिंह, डा॰ सुरेश कुमार, डा॰ शैलेन्द्र कुमार, डा॰ संजीव कुमार व् डा॰ अरविन्द कुमार अदि शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही ।