माता कैकेयी खलनायिका नहीं नायिका थी, “रामलला की माता” नाटक का मंचन देख भावुक हुए दर्शक, आंखे हुई नम
– आर्ट ऑफ लिविंग थिएटर टीम ने दर्शकों को कराया माता कौशल्या ओर कैकेयी के बलिदान से रूबरू
गाजियाबाद। स्थानीय नेहरु नगर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय सभागार में आज आर्ट ऑफ लिविंग की थिएटर टीम के तत्वावधान में ‘रामलला की माता’ नाटक का शानदार मंचन, निर्देशक पंकज मणि के निर्देशन में किया गया। खास बात यह है इस मंचन में भगवान राम की माता कैकेयी के सकारात्मक दर्शन की शानदार प्रस्तुति को देखकर दर्शक दीर्घा भाव विभोर हो गई, आर्ट ऑफ लिविंग गाजियाबाद के अध्यापक गण और संस्कार केंद्र ने इस नाटक की प्रस्तुति दी, इस नाटक के सफल आयोजन में श्रीमती दीपा मित्तल का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। नाटक के लेखक और निर्देशक पंकज मणि को दर्शकों ने खूब सराहा प्रभु राम की माता कौशल्या व कैकेयी के बलिदान को कलाकारों ने शानदार अंदाज में दिखाया, यही नहीं अभी तक माता कैकेयी को खलनायिका के रूप में बताया जाता था, गोया आज इस नाटक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया की प्रभु राम को पुरुषोत्तम राम बनाने में माता कैकेयी का बहुत बड़ा योगदान था, इस मौके पर बीजेपी विधायक अतुल गर्ग, एमएलसी दिनेश गोयल, अतुल जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता डीके गांधी, तिलक राज अरोड़ा, पर्यावरण विद विजय पाल बघेल, विनोद शर्मा, सुभाष गुप्ता व लोकेश चौधरी आदि मौजूद थे। आपको बता दे इस नाटक में कुल 18 कलाकारों ने विभिन्न भूमिका में अपनी प्रस्तुति दी, नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में गायक अभिषेक पांडे, कैकेयी की भूमिका में आकांक्षा अशोक, मंथरा की भूमिका आकांक्षा बाजपेई, भरत की भूमिका में अभिषेक शर्मा का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।