सही मंजिल व लक्ष्य को चुनना ही शिवत्व: आचार्य प्रशांत
-ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में हुआ महाशिवरात्रि महोत्सव
-पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि शिव सत्य का प्रतीक ,सत्य से ही मुक्ति सम्भव
ग्रेटर नोएडा। प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक एवम पूर्व सिविल सेवा अधिकारी आचार्य प्रशांत ने कहा है कि शिव की बात हो या कृष्ण की बात हो या राम की बात हो वो सार्थक तभी हो सकती है जब सही मंजिल व लक्ष्य सामने हो।
प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक एवम पूर्व सिविल सेवा अधिकारी आचार्य प्रशांत गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित महाशिवरात्रि महोत्सव पर देश भर से पहुंचे हजारों साधकों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि आम संसारी की जिंदगी चलती तो रहती है ,श्रम भी वह पूरा करता है उर्जा भी लगती है, कर्तव्य भी करते हैं लेकिन फिर भी दुःख हटता नही है इसका प्रमुख कारण हम अपने लक्ष्य का सही चुनाव नही करते, अगर सही लक्ष्य चुन लिया तो बाकी व्यर्थ के छोटे बड़े मुद्दे स्वतः समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण बता गए हैं हमे अपने बंधनो को काटना है लेकिन हम व्यर्थ की चीजों में और उलझ जाते हैं जिस ग्रन्थ में बोध होता है वही गीता है। महाशिवरात्रि पर्व मनाने व उसकी जीवन मे उपयोगिता के विषय मे बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह हो गयी है कि हमे मंजिल का पता नही होता हम भौतिक सुखों में डूब जाते हैं जबकि वह आखरी बात होनी चाहिए ,सही मंजिल पता हो तब भौतिक सुविधाएं उपलब्ध हो जाए वह उपयोगी हो सकती हैं।मंजिल को जानना ही शिवत्व है। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित धर्मगुरुओं ने धर्म की ही गलत व्याख्या कर दी है जिससे लोग भ्रमित हो गए है मान्यता व अंधविश्वास को ही हम सच मानने लगते है शिव का मतलब सिर्फ सत्य होता है यह हमें बताया ही नही जाता।
उन्होंने कहा कि हमारे पास वेदांत, उपनिषद कई शीर्ष ग्रंथ है पर हमने कभी वह पढ़े ही नही हम व्यक्ति पूजा ,मूर्ति पूजा में ही अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लेते हैं हम किसी भी संशय पर सवाल ही नही उठाते संशय पर ही भरोसा कर लेते हैं । उन्होंने कहा कि आज जो मुद्दे हैं उन पर चर्चा ही नही करते जलवायु परिवर्तन आज सबसे अहम मुद्दा है हम तो नर्क में जी ही रहे हैं हमारी आने वाली पीढ़ी तो पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी हमारा मीडिया इस पर बात नही करता हमारे नेता इस पर बात नही करते क्योंकि हम उस पर सवाल ही नही उठाते। बढ़ती हुई आबादी विस्फोटक रूप लेती जा रही है इस पर कोई बात नही होती । अगर हम अभी भी आत्मज्ञान नही हुआ तो पूरी दुनिया बर्बाद हो जाएगी। आचार्य प्रशांत ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने व उसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की । भाजपा के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने महाशिवरात्रि पर्व की सभी को बधाई देते हुए कहा कि महाशिवरात्रि पर्व सत्य का प्रतीक है सत्य से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है , श्रीमद्भागवत गीता ,वेद, उपनिषद ऐसे ग्रंथ है जो हमारे ऋद्धि हमारे लिए विरासत में छोड़कर गए है हमे उनको अपने जीवन मे उतारना है वह तभी सम्भव है जब हमें सही शिक्षक मिलेगा आचार्य प्रशांत इस कार्य को बखूबी के साथ निभा रहे हैं वह देश तथा दुनिया में वेदांत की एक सशक्त आवाज बने है यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है । इस दौरान साधको ने आचार्य प्रशांत जी को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दी तथा गीता व वेदांत की सटीक शिक्षा देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।