Kisan Andolan : प्रदर्शन की अगुआई कर रहे किसान नेताओं पर उठने लगे सवाल
किसानों की मांगों को लेकर पंजाब के खनौरी और शंभू बार्डर पर किए जा रहे प्रदर्शन की अगुआई कर रहे किसान नेताओं पर सवाल उठने लगे हैं। किसान नेताओं द्वारा केंद्र सरकार के साथ तीन बार हुई बैठक में कोई परिणाम नहीं निकलने और इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को शामिल करने को गलत ठहराया जा रहा है। यही नहीं अगुआई कर रहे नेताओं के प्रबंधन और वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण नहीं रख पाने का फायदा हुल्लड़बाजों द्वारा उठाने की आशंका भी जताई जा रही है। इस संबंधी एक पोस्ट इंटरनेट मीडिया के अलग- अलग प्लेटफार्म पर शेयर की जा रही है।
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर चंडीगढ़ में रविवार रात किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच शुरू हुई चौथे दौर की वार्ता एमएसपी व कर्जमाफी की बात पर ही फंस गई। रात साढ़े 11 बजे तक उक्त दोनों मांगों पर सहमति नहीं बन पाई थी। केंद्रीय मंत्री कमेटी बनाने की बात कर रहे थे तो किसान संगठन इसके पक्ष में नहीं थे। एक किसान नेता ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का मुद्दा भी उठाया।
वार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल व नित्यानंद राय के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल थे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) मंत्री अर्जुन के जगजीत सिंह डल्लेवाल और नित्यानंद राय किसान मजदूर संघर्ष समिति मंत्री भगवंत के महासचिव सरवन सिंह पंधेर किसानों की तरफ से पक्ष रख रहे थे। क्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों 5) ने सबसे पहले शंभू बार्डर पर दिवंगत और होने वाले किसान और हरियाणा पुलिस के जवान को श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बैठकें भी मंत्रियों बेनतीजा रही थीं। भगवंत मान दिवंगत 15 फरवरी को हुई तीसरे दौर की रियाणा बैठक में भी शामिल हुए थे। उधर, दांजलि संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) 5, 12 की बैठक लुधियाना में हुई।
इसमें भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) सहित 32 किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। इस दौरान निर्णय लिया गया कि 20 से 22 फरवरी तक तीन दिन पंजाब के सभी भाजपा नेताओं के घरों का घेराव किया जाएगा। भाकियू (उगराहां) ने दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक पंजा के सभी टोल प्लाजा निश्शुल्क करवाए। उधर, शंभू और खनौरी बार्डर पर माहौल शांत रहा। अपनी मांगों को लेकर वहां जमे किसानों की नजर चंडीगढ़ में हो रही बैठक पर है। किसान नेता युवा प्रदर्शनकारियों को संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं। युवाओं का कहना है कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा।