भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौ चरण सिंह को मिला भारत रत्न, जानिए इनके बारे में

भारत सरकार ने चौ चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की है। जिसकी जानकारी पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर देते हुए लिखा कि, “पीएम मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर उनके बारे में लिखा,” हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।

बताते चलें कि स्वर्गीय चौधरी चरण स‍िंह का जीवन एक खुली क‍िताब था, ज‍िसपर कोई दाग नहीं लगा। चौ चरण सिंह ने अपना व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन किसानों के हित के लिए लगा दिया। देश के आम नागरिक से लेकर खास नागरिक बनने के बाद भी किसानों के लाभ के लिए ही काम करते रहे।

किसानों के मसीहा चौ. चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हापुड़ की बाबूगढ़ छावनी के पास नूरपुर गांव में हुआ था। चौ चरण सिंह के पिता का नाम चौधरी मीर सिंह और माता का नाम नेत्रा देवी था। चौ चरण सिंह के पिता किसान थे। परिवार में आर्थिक तंगी शुरू से से ही बनी हुई थी। शायद यही कारण है कि चौ चरण सिंह हमेशा से ही किसानों के दुःख, दर्द को समझते थे। हालांकि, गरीबी में रहने के बाद भी चौ चरण सिंह पढ़ाई-लिखाई का महत्व जानते थे। इसीलिए उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर ग्राम में ही हुई। हाई स्कूल करने के लिए चौ चरण सिंह ने मेरठ के सरकारी उच्च विद्यालय में दाखिला लिया। वर्ष 1923 में चौ चरण सिंह ने विज्ञान में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वर्ष1925 में कला विषय से स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की। पढ़ाई पूरी करने के बाद चौ चरण सिंह ने वकालत की परीक्षा भी पास की, और गाजियाबाद में ही अपनी वकालत शुरू की। वर्ष 1929 में उनकी शादी गायत्री देवी से हुई थी।

चौ चरण सिंह का जिस वर्ष विवाह हुआ, उसी वर्ष वे भारत की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने लगे। सबसे पहले चौ चरण सिंह ने गाज़ियाबाद में कांग्रेस कक गठन किया। वर्ष 1930 में गांधीजी द्वारा चलाए गए “सविनय अवज्ञा आन्दोलन” में नमक कानून तोड़ने में गांधीजी का साथ दिया था। चौ चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिंडन नदी पर नमक बनाया था और “डांडी मार्च” में भी भाग लिया। आजादी की लड़ाई में चौ चरण सिंह 6 माह के लिए जेल भी जाना पड़ा।

यह भी देखे:-

दर्दनाक हादसा: नोएडा एक्सप्रेस वे: पेड़ से टकराई स्विफ्ट कार, पति पत्नी व मासूम बच्चे की मौत
शीत लहर/ठंड को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या कहा
हाइटेक सिटी में सांपों का कहर: सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत
ईपीसीएच की स्थगित 37वीं वार्षिक आम बैठक में प्रशासन समिति के छह नए सदस्य चुने गए।
सीएम योगी ने कानपुर में अनुसूचित वर्ग महासम्मेलन में लिया हिस्सा, शिशुओं का किया अन्नप्राशन
पीएम मोदी ने एकता दौड़ से दी सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि: सीएम योगी
यमुना प्राधिकरण दस गांवों की जमीन किसानों की आपसी सहमति से खरीदेगा
स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य में “साईकिल रैली द्वारा तिरंगा यात्रा” का आयोजन।
“गांधी और शास्त्री के व्यक्तित्व हमें सादगी भरे जीवन के संदेश देते हैं”, एसीईओ पुलकित खरे ने प्राधिक...
ग्रेटर नोएडा के सम्राट मिहिर भोज सिटी पार्क में ’पुष्पोत्सव 2024’ का आगाज
यमुना सिटी में बनेगा UP ATS का मुख्यालय और कमांडो ट्रेनिंग सेंटर, यमुना प्राधिकरण ने मुफ्त दी 3 एकड़...
लाखों खर्च के बाद भी सामुदायिक शौचालय पर लटके पड़े है ताले, लोग परेशान 
UPSC में 48 वीं रैंक लाने वाले अल्फा 1 ग्रेनो के अंशुल हिदल का लेखपाल संघ ने किया स्वागत सम्मान, फि...
Delhi Excise Policy: अदालत की संजय सिंह को फटकार- राजनीतिक बयानबाजी मत कीजिए
Aryan Khan Drugs Case: आर्यन खान को दी गईं विज्ञान की किताबें, दूसरे आरोपियों जैसा ही मिल रहा खाना
फॉर्मूला इंपीरियल और इंडियन कार्टिंग रेस का आज समापन हुआ