उ.प्र. रेरा ने शिकायतों की सुनवाई से पूर्व स्क्रूटिनी की व्यवस्था लागू किया
लखनऊ/गौतमबुद्धनगर- उ.प्र. रेरा में उपभोकताओं तथा प्रोमोटर्स द्वारा शिकायत दर्ज करने के लिए ई-कोर्टस की व्यवस्था है। उ.प्र. रेरा द्वारा 02 दिसम्बर, 2023 को शिकायतों की फाइलिंग, स्क्रूटिनी, तिथियों के निर्धारण तथा कन्सिलिएशन के सम्बन्ध में संशोधित एस.ओ.पी. जारी की गयी है। अब शिकायत फाइल होने पर रेरा द्वारा पहले शिकायतों की स्क्रूटिनी की जायेगी और कमियों का निराकरण करवाया जायेगा। उ.प्र. रेरा पोर्टल पर यह सुविधा सोमवार दिनांक 15 जनवरी 2024 से उपलब्ध करा दी गई है।लखनऊ/गौतमबुद्धनगर- उ.प्र. रेरा में उपभोकताओं तथा प्रोमोटर्स द्वारा शिकायत दर्ज करने के लिए ई-कोर्टस की व्यवस्था है।
उ.प्र. रेरा द्वारा 02 दिसम्बर, 2023 को शिकायतों की फाइलिंग, स्क्रूटिनी, तिथियों के निर्धारण तथा कन्सिलिएशन के सम्बन्ध में संशोधित एस.ओ.पी. जारी की गयी है। अब शिकायत फाइल होने पर रेरा द्वारा पहले शिकायतों की स्क्रूटिनी की जायेगी और कमियों का निराकरण करवाया जायेगा। उ.प्र. रेरा पोर्टल पर यह सुविधा सोमवार दिनांक 15 जनवरी 2024 से उपलब्ध करा दी गई है। उ.प्र. रेरा में कोई भी नयी शिकायत फाइल होने पर विधिक शाखा द्वारा शिकायत तथा उसके साथ संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण करके यह देखा जायेगा कि शिकायतकर्ता, प्रमोटर या विपक्षी तथा परियोजना से सम्बन्धित प्रविष्टियां सही हैं और बी.बी.ए. या आवंटन पत्र के अनुसार हैं, यह देखा जायेगा कि उपभोक्ता ने समस्त दस्तावेज जैसे कि बुकिंग के लिए आवेदन, आवंटन-पत्र, बी.बी.ए., प्रमोटर को किये गये भुगतान की पुष्टि में रसीदों, बैंक स्टेटमेंट या प्रमोटर द्वारा जारी एकाउण्ट लेजर की स्वप्रमाणित पठनीय प्रतियां जमा की हैं। उपभोक्ता द्वारा बैंक ऋण के स्वीकृति की स्वप्रमाणित प्रति भी जमा करनी होगी। रेरा कार्यालय शिकायतकर्ता द्वारा जमा की गयी धनराशि का का दस्तावेज़ों से मिलान करके यह देखा जायेगा कि धनराशि से सम्बन्धित विवरण सही हैं।
रेरा कार्यालय द्वारा शिकायतों की स्क्रूटिनी करके उनके द्वारा उठायी गयी आपत्तियां शिकायतकर्ता को 7 दिन के अन्दर भेज दी जायेंगी और शिकायतकर्ता को 15 दिन के अन्दर आपत्तियां निस्तारित करनी होंगी। अगर शिकायतकर्ता द्वारा इन आपत्तियों का समाधान 7 दिन में नहीं किया जाता है, तो एक रिमाइण्डर भेजा जायेगा और अगले 7 दिन में आपत्तियों के समाधान की अपेक्षा की जायेगी।
शिकायतकर्ता द्वारा आपत्तियों का निराकरण कर देने पर रेरा की विधिक शाखा द्वारा ‘फिट फार हियरिंग’ की रिपोर्ट लगाकर रेरा की पीठ के समक्ष सुनवाई हेतु भेज दिया जाएगा। अगर शिकायतकर्ता द्वारा इस अवधि में भी आपत्तियों का समाधान नहीं किया जाता है, तो कार्यालय द्वारा शिकायत में कमियों से सम्बन्धित रिपोर्ट लगाकर सम्बन्धित पीठ को सुनवाई हेतु भेज दिया जायेगा। उ.प्र. रेरा द्वारा शिकायतों के सुनवाई के सम्बन्ध में जारी नई एस.ओ.पी. पर वार्ता करते हुए उ.प्र. रेरा के अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्डी द्वारा यह कहा गया कि शिकायतों के स्क्रूटिनी की व्यवस्था से उपभोक्ताओं को बिना किसी प्रोफेशनल की सहायता के भी शिकायत फाइल करने में सहायता मिलेगी और एक बार शिकायत में विद्यमान कमियों का निराकरण हो जाने तथा सभी साक्ष्य पूर्ण करा लिये जाने पर उपभोक्ता को बार-बार कमियों को ठीक करने या दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी, रेरा की पीठों को भी मामले का शीघ्र निर्णय करने में सहायता मिलेगी और उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय सुलभ हो सकेगा। उनके द्वारा समस्त उपभोक्ताओं तथा अन्य हित धारकों से आकांक्षा की गयी कि उ.प्र. रेरा की वेबसाइट इस नई एस.ओ.पी. को पढ़कर शिकायतें तथा आवश्यक दस्तावेज़ फाइल करें। नई एस.ओ.पी. उनके लाभ तथा उनके हितों के संरक्षण के लिए है।*