गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह-2023 में 370 विदेशी छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान होगी
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय दिल्ली राजधानी क्षेत्र एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है जो विभिन्न विषयों में शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान कर है। विदेशी छात्रों का नामांकन शैक्षणिक सत्र 2012-13 से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों को प्रवेश देना शुरू किया था। शुरुआत में पहले ही वर्ष बौध अध्ययन एवं सभ्यता संकाय के एमए, एमफील एवं पीएचडी पाठ्यक्रमों में 39 विदेशी छात्रों का नामांकन हुआ था इनमें वीयट्नाम के 31, म्यांमार के 8 थे।
इस वर्ष होने वाले दीक्षान्त समारोह लगभग 370 विदेशी छात्र-छात्राओं को डिग्री दी जाएगी जिसमें विशेष रूप से वियतनाम, म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, कोरिया, चीन, ताइवान, यमन, यूएसए, कनाडा, सुरीनाम, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया आदि से हैं। यह इस बात का ka दर्शाता है कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने कम समय में अपनी एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी एक विशेष जगह बना ली है।
दीक्षान्त समारोह के अवसर पर लगभग 370 विदेशी छात्रों को उपाधियाँ दी जाएगी। इनमें सबसे अधिक छात्र वियतनाम और म्यांमार से हैं, जो बौद्ध अध्ययन के विभिन्न कार्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण किए हैं जिनकी संख्या 209 और 120 क्रमशः हैं।
6 देशों के 30 शोधार्थियों को डॉक्टरेट उपाधियाँ दी जाएगी। इनमें वियतनाम (14), म्यांमार (9), थाईलैंड (2), यमन (3), कनाडा (1) और दक्षिण कोरिया (1) शामिल हैं।
स्नातकोत्तर की 182 उपाधियों में से 169 बौद्ध अध्ययन में (वियतनाम 106 और म्यांमार 48), 13 मानविकी, राजनीति विज्ञान, सामाजिक कार्य, एमटेक, एमबीए (यमन, अफगानिस्तान, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, मंगोलिया, चीन, सुरीनाम, आदि) से हैं।
विदेशी छात्रों के बीच जीबीयू में बौध अध्ययन विभाग का एमफिल पाठ्यक्रम काफी लोकप्रिय है और इस कोर्स में 152 विदेशी छात्रों को उपाधियाँ दी जाएगी, जिनमें वियतनाम (79), म्यांमार (63), लाओस (6) और थाईलैंड (3) के छात्र शामिल हैं।
जीबीयू के कुलपति प्रो रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों को भारत में बौध अध्ययन की शिक्षा के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म प्रदान किया है और उन्हें साथ ही बौध अध्ययन के साथ अन्य विषयों में भी उच्च शिक्षा के लिए अवसर प्रदान किया है।