Human Rights Day 2023 : 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस, क्या है इस वर्ष की थीम
विश्व में हर व्यक्ति को स्वतंत्रता, समानता, और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है। यही बातें हर व्यक्ति का मानवाधिकार होती है। सरल शब्दों में कहा जाए तो किसी भी व्यक्ति को जन्म, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म में बिना भेद भाव किए जो अधिकार होते हैं, उन्हें ही मानवाधिकार कहा जाता है। व्यक्ति को स्वतंत्रता का अधिकार, अभिव्यक्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, यातना से मुक्ति का अधिकार, काम करने का अधिकार आदि शामिल है। दक्षिण अफ्रीका के महान नेता, नेल्सन मंडेला ने भी कहा है कि ” व्यक्ति के मानवाधिकार को हनन करना और उसे उसके अधिकारों से वंचित करना, मानवता को चुनौती देना है। मैन मानवाधिकार की रक्षा और जागरूकता के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस ( Human Rights Day) मनाने का निर्णय लिया था। हालांकि, आज भी दुनियाभर में कई ऐसे लोग है जो अपने मानवाधिकार को नहीं जानते हैं। इसके पीछे अशिक्षा, जागरूकता में कमी सबसे बड़े कारण है। लोगों में जागरूकता के लिए ही इस दिन को मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिवस के बारे में,
मानवाधिकार मनाने की शुरुआत कब हुई?
10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “मानवाधिकार दिवस” ( Human Right Day) मनाने की घोषणा की थी। हालांकि, इसकी औपचारिक शुरुआत वर्ष 1950 से शुरू हुई, जब महासभा ने प्रस्ताव 423(V) पारित किया। इसके बाद सभी देशों में प्रत्येक 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस ( Human Rights Day) के रूप में मनाने को कहा गया।
दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध में हुई मानव हानि और अत्याचारों ने मानव अधिकारों के महत्व को बल दिया था। उस वक़्त विश्व मंच पर मानवाधिकार पहली प्राथमिकता बन गए थे। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव पारित करके मानवाधिकार के लिए कड़े कदम उठाए।
भारत में कबसे मनाया जाता है, मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day)
भारत में 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया। 28 सितंबर 1993 को इस कानून को पूरे देश में लागू कर दिया गया। आयोग हर व्यक्ति के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों के रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में किसी भी नागरिक के अधिकारों का यदि हनन होता है, तो यह आयोग उसके अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव खड़ा होता है।
भारत में मानवाधिकार को मौलिक अधिकार और राज्य के नीति- निर्देशक सिद्धांत में बताया गया है। मौलिक अधिकार में मानवाधिकार को संविधान में अनुच्छेद 12 से 35 तक विस्तार से बताया गया है। जिसमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा का अधिकार और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल है।
वहीं मानवाधिकार का राज्य के नीति- निर्देशक सिद्धांत में भी वर्णन है। संविधान के अनुच्छेद 36 से 51 तक इसका विस्तार से उल्लेख मिलता है। जिसमें सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, बेरोजगारी के विरुद्ध अधिकार, रोजगार चयन का अधिकार, समान काम व वेतन पाने का अधिकार, मुफ्त कानूनी सलाह का अधिकार आदि शामिल है।
इस वर्ष की थीम क्या है,
आज भारत सहित पूरी दुनिया में लोगों के अधिकारों के लिए
मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है। हर वर्ष की भांति इस बार भी यह खास थीम पर मनाया जा रहा है। इस बार की थीम है,” सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और न्याय है।” 10 दिसंबर 2023 को पूरा विश्व “मानवाधिकार दिवस” Human Rights Day कि 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
मानवाधिकार उल्लंघन होने पर ऐसे कर सकते हैं शिकायत
- आप ऑनलाइन पोर्टल www.hrcnet.nic.in पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- इसके अलावा https://nhrc.nic.in/ पर भी जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- आप टोल फ्री नंबर 144334 पर भी शिकायत कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हेल्प डेस्क पर भी जाकर सम्पर्क किया जा सकता है।
- मानवाधिकार के मोबाइल नंबर 9810298900 पर भी संपर्क किया जा सकता है।