सपेरे राहुल से हुई 24 घंटे की पूछताछ के बाद दो कोबरा बरामद
नोएडा : दुर्लभ प्रजाति के नौ सांप बरामद कर पांच सपेरो को गिरफ्तार कर, एफआईआर में नामजद हुए बिग बॉस ओटीटी-2 विजेता एल्विश यादव की घेराबंदी के लिए सबूतों की तलाश में भटक रही पुलिस ने गिरफ्तार हुए सपेरे राहुल की दोबारा से 24 घंटे की पुलिस रिमांड लेकर उसे हरियाणा के फरीदाबाद, तिलपत सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। पुलिस ने राहुल की निशान देही पर दो कोबरा सांप भी बरामद किया है। जिनका जहर उनके गैंग के लोगों द्वारा निकाला जाता था। यह जानकारी थाना सेक्टर 20 के प्रभारी निरीक्षक डीपी शुक्ला ने दी।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि रिमांड पर लिए गए राहुल और एल्विस का आमना सामना पुलिस नहीं करवा पाई है।
पुलिस अधिकारियों ने पूर्व में दावा किया था कि राहुल को रिमांड पर लेकर एल्विश और उसका आमना सामना कराया जाएगा। पुलिस विभाग में चर्चा है की जांच के दौरान एल्विस के खिलाफ अब तक कोई ठोस सबूत पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस तकनीकी सबूत और सर्विलांस विधि के आधार पर एल्विश और फजिलपुरिया की संलिप्तता के बारे में सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है। थाना सेक्टर 20 पुलिस ने आज दोपहर को 24 घंटे की रिमांड पूरी होने पर राहुल को लुक्सर जेल में वापस भेज दिया है। उसकी निशान देही पर दो सांप बरामद हुए हैं।
इस बार रिमांड में लेकर उसके घर से तलाशी के दौरान बरामद हुआ रजिस्टर है। जिसमें उसे विभिन्न फार्म हाउसों में आयोजित पार्टियों में सांपों को लेकर बीन पाटी की है। इस रजिस्टर में कई नाम ऐसे है। जो एल्विश से सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन उसके इवेंट मैनेजर व अन्य दोस्तों से जुड़े हुए है। इस नामों में दूसरे यू ट्यूबर राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया , एल्विश के मैनेजर कटारिया का नाम है। सूत्रों के मुताबिक रजिस्टर जिसे मीडिया में वायरल डायरी भी कहा रहा है। उसमें कई नाम व पते कोड भाषा है। जिसे डिकोड करने के लिए राहुल को दुबारा पुलिस रिमांड पर लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक अभी तक एल्विश यादव के खिलाफ सीधे तौर पर कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है।
मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में भी सीधा सम्पर्क सपेरो से एल्विश का सामने नहीं आ पा रहा है। गिरफ्तारी के बाद दो दिन की पुलिस रिमांड पर भी राहुल को लेकर पूछताछ की गई थी। उस वक्त उम्मीद थी कि कुछ ठोस जानकारी हाथ लगेगी जिससे एल्विश पर कानूनी शिकंजा कसेगा, लेकिन पूछताछ में ऐसा कुछ निकल कर सामने नहीं आया। वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग या वन विभाग के बजाए एक एनजीओ के अधिकारी की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर और उसमें यू ट्यूबर एल्विश का नाम शामिल किए जाने के बाद से नोएडा पुलिस की कार्यशैली पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे है। एल्विश यादव व फजिलपुरिया भी इस प्रकरण को लेकर अपने वकीलों से सीधे सम्पर्क में है। वहीं दोनों अपने रसूक व राजनीति में पकड़ का इस्तेमाल कर नोएडा पुलिस के कसते शिकंजे से बचने की हर जोर अजमाइश कर रहे है। वहीं एक दिन की रिमांड मिलने की पुष्टि करते हुए नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने इस प्रकरण में इतना ही कहा है कि जांच जारी है।