प्रयागराज महाकुंभ में डेढ़ लाख शौचालयों की व्यवस्था करेगी योगी सरकार

  • खुले में शौच से शत-प्रतिशत मुक्त होगा महाकुंभ क्षेत्र
  • – क्यूआर कोड से होगी गंदे टॉयलेट्स की शिकायत
  • – हर कुछ घंटे पर जेट स्प्रे मशीन से होगी टॉयलेट्स की सफाई
  • – 11 हजार से अधिक स्वच्छताकर्मी और वॉलंटियर्स संभालेंगे जिम्मेदारी

लखनऊ, 25 अक्टूबर। महाकुंभ 2025 कई मायनों में खास होने जा रहा है। मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर टीम यूपी सनातन धर्म के इस महा आयोजन को लेकर अभी से तैयारियों में जुट गई है। महाकुंभ के क्षेत्रफल में विस्तार के साथ ही योगी सरकार इस पूरे आयोजन की पवित्रता को भी अक्षुण्ण रखने पर विशेष जोर दे रही है। इसके लिए पूरे कुंभ क्षेत्र में तकरीबन डेढ़ लाख शौचायलयों को स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंशा है कि 2025 का महाकुंभ पूरी तरह ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) हो। 4 हजार हैक्टेयर में स्थापित किये जाने वाले पूरे कुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटकर स्वच्छता सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से स्वच्छताकर्मियों की लंबी-चौड़ी फौज को तैनात किया जाएगा।

11 हजार से अधिक स्वच्छताकर्मी और स्वच्छाग्रही संभालेंगे जिम्मेदारी
सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ को लेकर योगी सरकार ने तकरीबन ढाई हजार करोड़ का बजट तय किया है। इसमें पूरे कुंभक्षेत्र को अभेद्य बनाने के साथ ही साफ-सफाई को लेकर भी तगड़े इंतजाम किये जा रहे हैं। सरकार कुंभक्षेत्र में स्वच्छता को लेकर 300 करोड़ से अधिक खर्च करेगी। इसके लिए 52 हजार से अधिकर सामुदायिक शौचालय, 53 हजार से अधिक शौचालय विभिन्न टेंटों में, पार्किंग और अप्रोच सड़कों पर 14 हजार से अधिक शौचालय और 20 हजार से अधिक पब्लिक यूरिनल (मूत्रालय) यानी कुल मिलकार तकरीबन डेढ़ लाख शौचालयों का निर्माण योगी सरकार करेगी। इसके अलावा 25 हजार से अधिक डस्ट/वेस्ट बिन, 120 टिपर-हॉपर ट्रक, 40 कॉम्पैक्टर, 9800 स्वच्छताकर्मी और 1800 स्वच्छता वालेंटियर्स पूरे मेला क्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था संभालेंगे।

45 दिन के आयोजन में स्वच्छता पर सबसे ज्यादा फोकस
पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025) से महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025) तक 45 दिनों के इस महाआयोजन में स्वच्छता को बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर अभी से तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया गया है। कुंभ क्षेत्र में स्वच्छता बनाये रखने के लिए योगी सरकार बड़ी संख्या में फाइबर रिइन्फोर्स्ड पॉलीमर (एफआरपी) शौचालयों को स्थापित करेगी। इनमें स्पेटिक टैंक वाले 15 हजार एफआरपी, जबकि सोकपिट वाले 10 हजार एफआरपी स्थापित किये जाएंगे, जिन्हें सामुदायिक क्षेत्र और कैंपों व अखाड़ों में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही सामुदायिक क्षेत्रों में तकरीबन 20 हजार एफआरपी यूरिनल्स भी स्थापित किये जाएंगे। वहीं 22 हजार प्री-फैब्रीकेटेड स्टील टॉयलेट (सेप्टिक टैंक) तथा 17 हजार प्री-फैब्रीकेटेड स्टील टॉयलेट (सोकपिट) को मेला क्षेत्र के बाहरी इलाकों और पार्किंग क्षेत्रों के साथ ही सरकारी दफ्तरों के कैंपों में स्थापित किये जाएंगे। इसके अलावा विभिन्न धार्मिक कैंपों में भी कांठ/टेंट के टॉयलेट्स स्थापित किये जाएंगे। इनकी संख्या भी लगभग 50 हजार के करीब होगी।

एप के जरिए शौचालयों की होगी निगरानी
सबसे खास बात ये कि सामुदायिक शौचालयों का 60 फीसदी सेप्टिक टैंक के जरिए इस्तेमाल होगा। वहीं 40 फीसदी शौचालयों को सोकपिट पर आधारित रखा जाएगा। इनके रखरखाव पर भी सरकार विशेष ध्यान देगी। शौचालयों के रुटीन मेंटेंनेंस और क्लीनिंग के साथ ही स्वच्छताकर्मी ऐप के जरिए प्रत्येक टॉयलेट के स्टेटस को विभिन्न पैरामीटर्स पर चेक करते हुए सैनिटेशन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही कंट्रोल रूम के जरिए भी शौचालयों की स्वच्छता को लेकर निगरानी की जाएगी। प्रत्येक शौचालय के बाहर लगे क्यूआर कोड के जरिए पब्लिक भी गंदे शौचालयों से संबंधित शिकायत कर सकेंगे। योगी सरकार इसके लिए वेब बेस्ड ऐप्लीकेशन भी डेवलप करेगी। साथ ही स्वच्छाग्रहियों (स्वच्छता वॉलेंटियर्स) की टीम लगातार शौचालयों की मॉनीटरिंग करेगी। इसके अलावा मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए 25 हजार डस्ट/वेस्ट बिन स्थापित किये जाएंगे। 20 किलोग्राम क्षमता वाले इन डस्ट/वेस्ट बिन को 25-25 मीटर के दायरे में रखा जाएगा। प्रतिदिन 3 बार इन डस्टबिन को साफ किया जाएगा।

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