मोक्षनगरी वाराणसी बनेगी पहली नगरीय “रोपवे सिटी”, 2024 से पर्यटक ले सकेंगे आनंद
- -रोपवे के पहले सेक्शन का निर्माण मार्च में रथयात्रा तक होगा पूरा, जुलाई तक चलेगा ट्रायल
- -पहले सेक्शन के निर्माण के बाद रथयात्रा और दूसरे सेक्शन के निर्माण के बाद गोदौलिया तक रोपवे से यात्रा कर पाएंगे पर्यटक
- -रोपवे परियोजना पूर्ण होने पर कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक की यात्रा बिना प्रदूषण के लगभग 10 मिनट में होगी पूरी
- -रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर होगी जिसे पूर्ण करने में लगेगा केवल 16 मिनट का वक्त
काशी की यातायात को सुगम और सुचारू बनाने के लिए देश का पहला रोपवे वाराणसी में 2024 तक चलने लगेगा। वाराणसी को रोपवे इनेबल्ड बनाने वाली इस परियोजना के तहत पहले चरण का निर्माण कुल दो सेक्शन में किया जा रहा है। पहले सेक्शन के निर्माण के बाद पर्यटक रथयात्रा और दूसरे सेक्शन के निर्माण के बाद गोदौलिया तक की यात्रा कर पाने में सक्षम हो जाएंगे। उल्लेखीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के संचालन के लिए 807 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले रोपवे परियोजना की नींव अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रखे थे।
पहला सेक्शन मार्च तक होगा पूरा
काशी के यातायात को रफ़्तार देने के लिए रोप-वे का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। मार्च 2024 तक पहले सेक्शन का निर्माण कार्य पूरा होना प्रस्तावित है जिसका ट्रायल जुलाई तक चलेगा। कैंट स्टेशन से चलने पर रथयात्रा तीसरा प्लेटफार्म होगा। यात्री कैंट रेलवे स्टेशन से बिना वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के रथयात्रा तक की यात्रा लगभग 10 मिनट में तय कर सकेंगे।
कुल 5 स्टेशन होंगे
वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे। जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन,काशी विद्यापीठ,रथयात्र ,गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर है जो करीब 16 मिनट में तय होगी।