रिन्यूएबल एनर्जी एक्स्पो का आगाज, 2030 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा भारत
- 2030 तक 65 फीसदी बिजली रिन्यूबल एनर्जी से होगी उत्पादित
भारत जल्द की रिन्यूबल एनर्जी की दिशा में बड़े मुकाम पर पहुंचने वाला है। 2030 तक देश में स्थापित कुल बिजली उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत होगी। बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश में फिलहाल हरित बिजली की स्थापित क्षमता 1,86,000 मेगावाट है। दरअसल, सरकार ने अगले 5 साल के लिए सालाना 50 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लिए बोलियां आमंत्रित करने का फैसला किया है।
महज इतना ही नहीं आईएसटीएस (इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन) से जुड़ी अक्षय ऊर्जा क्षमता की इन वार्षिक बोलियों में प्रति वर्ष कम से कम 10 गीगावॉट की पवन ऊर्जा क्षमता की स्थापना भी शामिल होगी। देश में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता 4,23,000 मेगावाट है। अभी देश की बिजली मांग 14 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। रिन्यूबल एनर्जी के बल पर ही इस इतनी एनर्जी उत्पादित की जा सकती है। यह जानकारी बुधवार को ग्रेटर नोएडा एक्सपो सेंटर में आयोजित एशिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी एक्स्पो, रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2023 के 16वें संस्करण में दी गई। प्रदर्शनी के आयोजक इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के एमडी योगेश मुद्रास ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2023 नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र में स्थायी प्रगति को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
भारतीय नवीकरणीय उर्जा बाज़ार लगातार विकसित हो रहा है, इसके 10 फीसदी से भी अधिक सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। सरकार की विभिन्न पहलें जैसे सोलर पार्क एवं अल्ट्रा-मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट्स का विकास, रु 19500 करोड़ की पीएलआई योजना के साथ हमें विश्वास है कि भारत नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने के लिए अग्रसर है। नवीकरणीय उर्जा में तेज़ी से बढ़ती क्षमता के साथ हरित एवं स्थायी भविष्य की दिशा में भारत की यात्रा न सिर्फ देश के लिए बल्कि दुनिया भर के लिए महत्वपूर्ण है। योगेश मुद्रास ने बताया कि इस रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2023 में 700 से अधिक प्रदर्शक, 40,000 कारोबार आगंतुक, 250 प्रवक्ता हिस्सा ले रहे हैं। इनमें नीति निर्माता, इन्फलुएंसर्स और विशेषज्ञ शामिल हैं। यह कार्यक्रम नवीरकणीय उर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे आईपीपी, सोलर सैल, सोलर पीवी मोड्यूल, सोलर पैनल, बैटरी, ईवी चार्जर एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर, इन्वर्टर, कम्पोनेन्ट, डीलर/ डिस्ट्रीब्यूटर, सिस्टम इंटीग्रेटर, बायोमास एवं पवन उर्जा पर रोशनी डालेगा। इसके अलावा प्रदर्शनी में जर्मनी, इटली, मलेशिया, यूएसए एवं अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर मौजूद इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के सीनियर ग्रुप डायरेक्टर रजनीश खट्टर ने बताया कि इस प्रदर्शनी में पहली बार बैटरी शो इंडिया का भी शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि बैटरी की कीमत अभी अपेक्षाकृत महंगी जरूर है लेकिन आने वाले समय में उसमें खासी गिरावट देखने को मिलेगी। यहां प्रदर्शनी में आई तमाम कंपनियों ने जिस तरह से तैयारियां की हैं, उससे अगले पांच सालों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिलेगी।
ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनेगा भारत…
इरेडा के पूर्व चेयरमैन और एमडी कुलजीत पोपली ने इस मौके पर कहा भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी लीडर बन कर उभरेगा। दुनिया भर में नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के बढ़ते दबाव की वजह से भारत ने भी क्लीन एनर्जी को लेकर आक्रामक नीति अख्तियार कर ली है. भारत अगले कुछ वर्षों में शीर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादक देशों में शामिल होना चाहता है। मोदी सरकार ने इसी साल अपनी नेशनल हाइड्रोजन पॉलिसी का ऐलान किया है। इसके तहत भारत को 2030 तक हर साल पचास लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में सक्षम बनाना है। ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए पानी और सस्ती बिजली की जरूरत है। भारत के पास ये दोनों संसाधन मौजूद हैं। भारत के पास काफी लंबा समुद्र तट है और भरपूर सूरज की रोशनी भी। सोलर बिजली और समुद्र के पानी ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। भारत ने तो एक कदम आगे बढ़ कर ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन हब बनने का मंसूबा बांध रखा है। टीएसआरईडीसीओ के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एन जनैया ने कहा कि भविष्य में ग्रीन हाइड्रोजन की मांग बढ़ेगी। इस उर्जा का इस्तेमाल भारी वाहन चलाने के लिए भी किया जाएगा। रेल और उद्योगों में भी इस को उपयोग पर जोर दिया जाएगा। कार्गो जहाज, कार और लंबी दूरी तक चलने वाले ट्रकों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन एक अच्छा विकल्प है। भारत में वर्तमान समय में इस की मांग 67 से 70 लाख टन की है। इसलिए इस तकनीकी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। अगर हम ज्यादा से मात्रा में इसका उत्पादन करेंगे तो देश इसका एक्सपोर्ट भी करेंगा। इस प्रदर्शनी में इसका भी प्रदर्शन किया गया है।