बिमटेक में दो दिवसीय ‘इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन मैनेजमेंट केस’ का शुभारम्भ
ग्रेटर नोएडा : बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, नॉएडा और जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी, वर्जिनिया द्वारा प्रस्तुत ‘इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन मैनेजमेंट केस (आईसीऍमसी), २०१७’ का आज दिनांक ३० नवंबर को बिमटेक में शुभारम्भ हुआ. यह सम्मलेन दो दिनों तक चलेगा.
आईसीऍमसी 2017 अंतरराष्ट्रीय प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए, शिक्षाविदों, सलाहकारों, शोध विद्वानों और प्रबंधन अध्ययन के छात्रों के लिए बनाया गया एक मंच है जो दुनिया भर के लेखकों को अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करती है. यह अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, संस्थानों और शिक्षा उद्योग के प्रतिष्ठित लोगों के लिए एक उच्च अनुकूल शैक्षणिक वातावरण प्रदान करता है. सम्मलेन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ता सभा को सम्बोधित करेंगे, उनके साथ अपने अनुभवों को साझा करेंगे एवं प्रबंधन विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपने ताज़ा, मूलभूत एवं अप्रकाशित केस स्टडीज को भी प्रस्तुत करेंगे.
इस वर्ष आईसीऍमसी में ९३ लेखकों द्वारा सामूहिक रूप से लिखी हुई 61 केस स्टडीज की प्रस्तुति होनी है. सम्मलेन में अन्य देशों के 42 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है जिसमे फ़िनलैंड के सबसे ज्यादा 15 प्रतिनिधियों का दल भी शामिल है दूसरा सबसे बड़ा समूह अमेरिका से आया प्रतिनिधिओं का है.
सम्मलेन की शुरुआत हमारे निदेशक श्री हरिवंश चतुर्वेदी जी और मुख्य वक्ताओं द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके की गयी. इसके बाद मुख्य वक्ताओं, सुश्री अन्ना- माईजा लांसा और श्री फिलिप चार्ल्स ज़ेरिलो को सम्मान के तौर पर गुलदस्ता भेंट किया गया.
सुश्री अना- माईजा लांसा, जो कि फिनलैंड के जैवस्केला विश्वविद्यालय के वाणिज्य और अर्थशास्त्र विभाग में मानव संसाधन प्रबंधन की प्रोफेसर हैं, ने कहा “प्रभावी नेतृत्व व्यवहार की धारणा, जो नेतृत्व में एक प्रभावशाली विचार है, कर्मचारियों के काम की व्यवस्था और संगठनात्मक उपलब्धियों के मामले में बेहतर भविष्य के वादे की पेशकश करता है.” उन्होंने बताया कि नेतृत्व साहित्य में सफल नायकोन्मुखी कहानियो का वर्चस्व है.
प्रो फिलिप चार्ल्स ज़ेरिलो सिंगापुर प्रबंधन विश्वविद्यालय (एसएमयू) में स्नातकोत्तर व्यावसायिक कार्यक्रम के अध्यक्ष हैं. वह सिंगापुर प्रबंधन विश्वविद्यालय में ही केस लेखन कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक भी हैं और थाईलैंड के थम्मासत विश्वविद्यालय बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष भी हैं.
डॉ एच के चतुर्वेदी जी ने अपने सम्बोधन में श्री तोजो थेचेनकेरी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, जिनके सहयोग से बिमटेक ने जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के के साथ मिलकर इस आईसीएमसी के 7 वें संस्करण का आयोजन किया.
इसके बाद केस सेंटर पुरस्कार और केस विश्लेषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजित किया गया। जिसमे ‘बिमटेक- जीडी सरदाना युवा विद्वान पुरस्कार’ अन्ना हिक्खिनीन, लारा गोंजालेज, ओली मैटी नेवलैनें, रितु श्रीवास्तव, जुक्का मोइलनें , श्रेया मिश्रा, विले विएक्को पीसपेनन, मारिट लम्मासारी, जॉन एच सिम और नेहुल गुल्लैया को दिया गया. बिमटेक सेज पुरस्कार विजेता दिव्या अग्रवाल और वरुण एलिंबीलस्री रहे और केस पुरस्कार के प्रथम विजेता में संजय कायस्थ और अरुणादित्य सहाय और दूसरे पुरस्कार विजेताओं में सौम्यज्योति दत्त, रोहित कपूर, वीनू शर्मा, दिव्या शर्मा और अमरेन्द्र पांडे शामिल हुए.
प्रथम दिवस् का सत्र निम्नलिखित विषयों पर आधारित था.
१) विपणन और उत्पाद विकास,
२) सामाजिक उद्यमिता और वित्तीय सामाजिक परिवर्तन,
३) नेतृत्व और संगठनात्मक निर्णय
श्री तोजो थेचेनकेरी द्वारा सभी प्रतिनिधियों और प्रतिभागी विश्वविद्यालयों को स्मृति की प्रस्तुति और धन्यवाद भाषण के साथ सम्मलेन का प्रथम दिवस संपन्न हुआ.