GBU में भारत के दो महान सपूतों की जयंती मनायी गई, पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया याद
विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो रविन्द्र कुमार सिन्हा ने सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया गया। तत्पश्चात् सभा में उपस्थित शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए। समाज एवं राष्ट्र के लिए उनके द्वारा किए गए महान योगदान एवं त्याग से हमें सीखने की जरूरत है। उन्होंने व्यक्तिगत जीवन की अपेक्षा जनहित एवं राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। महात्मा गांधी ने अहिंसा ,सत्य ,एवं प्रेम का संदेश पूरी दुनिया को दिया। अहिंसात्मक ढंग से आंदोलन करते हुए उन्होंने देश को अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता दिलाई।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश की तत्कालीन विषम परिस्थितियों में भी धैर्य एवं साहस का अभूतपूर्व परिचय देते हुए देश के सम्मान एवं खुशहाली के लिए “जय जवान जय किसान” का नारा बुलंद किया। उन्होंने देश में हरित क्रांति एवं श्वेत क्रांति की शुरुआत की। आज की तिथि इन दोनों महान विभूतियों के जीवन एवं कृतित्व को स्मरण करने एवं उनको अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा देती है।
कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने अपने अभिभाषण में कहा कि गांधी जी ने अहिंसा को केवल एक दर्शन और राजनीतिक रणनीति के रूप में नहीं, बल्कि न्याय और परिवर्तन प्राप्त करने के साधन के रूप में प्रचारित किया था। दरअसल, गांधी जी की सबसे महत्वपूर्ण विरासत शांति की संस्कृति का निर्माण करना, अहिंसक असहयोग की प्रभावशीलता को साबित करना और हम जो करते हैं और जो करने में सक्षम हैं, उसके बीच के अंतर की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना था। हमें उनकी दर्शन को आत्मसात् कर अपने दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए जो आज की आधुनिकतावादी विश्व में भी कारगर है।
आज के कार्यक्रम में शैक्षिक अधिष्ठाता प्रो निरंजन प्रकाश मलकानिया, प्रो संजय शर्मा, प्रो बंदना पांडे, डॉ कीर्तिपाल, डॉ केके द्विवेदी, डॉ मनमोहन सिंह, डॉ विवेक मिश्रा, डॉ प्रदीप तोमर, डॉ चंद्रशेखर पासवान, डॉ सत्यपाल शर्मा, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ जितेन्द्र सिंह, डॉ विक्रांत नैन, डॉ विदुषी शर्मा, डॉ विमलेश, डॉ अनुराग सिंह, इत्यादि ने इस कार्यक्रम में आये और दोनों विभूतियों को पुष्पांजलि अर्पित की और याद किया।