एनआईईटी में साइबर तकनीकी पर कार्यशाला का आयोजन
ग्रेटर नोएडा : एन.आई.ई.टी., ग्रेटर नॉएडा संस्थान में इंस्टीटूशन ऑफ़ इंजीनिअर्स द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय तकनीकी कार्यशाला में आज आई. आई. टी. दिल्ली के प्रो डॉ पुलक मोहन पांडेय ने इंडस्ट्री 4.0 से प्रतिभागियों को अवगत कराया | इंडस्ट्री 4.0 विनिर्माण प्रौद्योगिकियों में स्वचालन और डेटा विनिमय की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें साइबर तकनीकी के साथ भौतिक सिस्टम, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग का प्रयोग शामिल हैं , इसलिए इसे “स्मार्ट फैक्ट्री” भी कहा जाता है ।
मॉड्यूलर संरचना वाली स्मार्ट फैक्ट्रियों के भीतर, साइबर-भौतिक सिस्टम भौतिक प्रक्रियाओं पर नज़र रखता है और भौतिक दुनिया की आभासी प्रतिलिपि बनाने के साथ विकेन्द्रीकृत निर्णय भी लेती है। इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के प्रयोग से साइबर-भौतिक सिस्टम वास्तविक समय में एक दूसरे के साथ और मनुष्यों के साथ संचार और सहयोग करते हैं।
कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिआ के प्रो अरशद नूर सिद्दीकी ने प्रतिभागियों को विनिर्माण क्षेत्र में वर्तमान की सबसे तेजी से बढ़ती तकनीकी फ्रिक्शन स्टिर वेल्डिंग के प्रयोगों से परिचित कराया । देश में इस तकनीकी पर सर्वाधिक अनुशंधान हो रहा है । इस तकनीकी द्वारा किन्ही दो धातुओं को जोड़ा जा सकता है । इस तकनीकी की विशेषता यह है, इसमें वेल्डिंग के पश्चात धात्विक मैटेरियल्स की विशेषताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता । इसे 200 से अधिक विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जा रहा है । कार्यक्रम में डॉ संजय मिश्रा ने प्रतिभागियों को लेज़र तकनीकी का विनिर्माण क्षेत्र में प्रयोग और तकनीकी परेशानियों के विषय में बताया । इस तकनीकी के प्रयोग से मोटी मोटी चादरों में सुगमता से छेद किये जा सकते हैं । डॉ मिश्रा ने इन तकनीकों को प्रयोग करने से पहले सिमुलेशन द्वारा टेस्ट करने की विधियों का प्रयोग करना सिखाया । कार्यक्रम में अडोर वेल्डिंग लिमिटेड ने वेल्डिंग के नवीनतम उपकरणों का प्रदर्शन किया । कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री शेखर गुप्ता ने प्रतिभागियों को वेल्डिंग में आने वाली व्यावहारिक परेशानियों और उनके समाधान के विषय में बताया ।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ अजय कुमार, कार्यशाला के संयोजक डॉ पी. पचौरी, विभागाध्यक्ष डॉ चन्दन कुमार, डॉ प्रशांत मुखर्जी, डॉ सतेंद्र शर्मा, डॉ चंद्रशेखर यादव, डॉ सोमेश कुमार, डॉ अशोक कुमार, डॉ एस. एल. वर्मा, डॉ अरविन्द तिवारी, प्रो रितेश रस्तोगी, प्रो. विनीत वर्मा, डॉ अरविन्द तिवारी, डॉ सचिन तेजयान तथा 100 से अधिक छात्र और अध्यापक उपस्थित रहे | कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता डॉ एन. राजेश ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया ।