रियल एस्टेट परियोजना के नक्शे होंगे राजस्व विभाग के नक्शे से सुपर इम्पोज़, प्रोमोटर नहीं कर सकेंगे परियोजना के नक्शों से छेड़-छाड़: उ.प्र. रेरा चेयरमैन
ग्रेटर नोएडा: उ.प्र. रेरा चेयरमैन ने परियोजनाओं की निर्माण प्रक्रिया को सभी हितधारकों के लिए पारदर्शी बनाने तथा, विशेष रूप से, प्रोमोटर व आवंटियों के मध्य उत्पन्न होने वाले विवादों को समाप्त करने हेतु एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार प्राधिकरण द्वारा परियोजना के विकास प्राधिकरण से स्वीकृत मास्टर प्लान के नक्शे को राजस्व विभाग के नक्शे पर सुपर इम्पोज़ कराया जायेगा।
इससे प्रोमोटर अपनी परियोजना से संबंधित जो स्वीकृत अभिलेख व मानचित्र उ.प्र. रेरा में उपलब्ध कराते हैं उन्हें उसी के अनुसार परियोजना का निर्माण करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा। प्रोमोटर द्वारा परियोजना के वास्तविक व स्वीकृत मानचित्र या नक़्शे में किसी भी प्रकार का बदलाव करना असंभव हो जाएगा और इस प्रक्रिया की मदद से जांच में आसानी से प्रकट हो सकेगा।
प्रथम चरण में यह प्रक्रिया ‘जी.आई.एस’ (ग्लोबल इनफार्मेशन सिस्टम) बेस्ड मास्टर प्लान वाले 13 शहरों में लागू होगी जिसमें ‘रिमोट सेंसिंग’ की सटीक तकनीकी का उपयोग कर परियोजना के नक्शों को राजस्व विभाग के नक्शो के ऊपर सुपर इम्पोजिशन किया जायेगा। इससे भविष्य में परियोजना के मूल नक्शे में किसी भी बदलाव सम्बन्धि विवाद में सुपर इंपोस्ड मैप की मदद ली जाएगी जिससे कोई भी बदलाव स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा।
उ.प्र. रेरा चेयरमैन संजय भूसरेड्डी ने कहा कि “उ.प्र. रेरा का प्रमुख उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर को विनियमित कर विकास के पथ पर ले जाना है और यह तभी सम्भव है जब रेरा अधिनियम का अनुपालन प्रदेश भर में सुचारु रूप से हो सकेl परियोजना के नक्शों के सुपर इम्पोजीशन से होम बायर्स को भी प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो सकेगा। प्रोमोटर द्वारा जो नक्शा प्राधिकरण में उपलब्ध कराया गया होगा उसी के अनुसार निर्माण प्राप्त होने से होम बायर्स और प्रोमोटर के बीच विवाद की संभावनाएं भी नगण्य रह जाएंगी। यह निर्णय, विशेष रूप से, बड़ी परियोजनाओं के सापेक्ष प्राधिकरण के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होगा।”
प्रथम चरण से प्राप्त परिणामों के आधार पर इस प्रक्रिया को अगले चरण में प्रदेश के सभी जनपदों में लागू किया जाएगा।