अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी करने वाला कॉल सेंटर का भंडाफोड़: वायस मैसेज भेजकर जाल में फंसाते थे
नोएडा में अब तक सबसे बड़े फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी करते थे। उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर से उनके आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी करते थे। अमेरिकी एजेंसी से इनके बारे में एक हफ्ते पहले इनपुट मिले थे। जांच के बाद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है।
अमेरिकी नागरिकों को वाइस मैसेज भेजकर करते थे ठगी
डीसीपी हरीश चंदर के मुताबिक, ये लोग VICIDIAL सॉफ्टवेयर और एक्सलाईट/ EYEBEAM डायलर का प्रयोग करके आईवीआर के माध्यम से डार्क वेब से अमेरिकी व्यक्तियों का डेटा लेते थे। इसके बाद इन नंबरों पर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस से अपने आप को बताकर एक वाइस मैसेज भेजा जाता है। इस मैसेज में अमेरिकी व्यक्तियों के सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का कारण बताते हुए उनका अकाउंट सीज किया जा रहा है, ऐसा बताया जाता था। जिसके बाद ये ठगी करते थे।
हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते ही सुनाई देती थी लंबी चौड़ी स्क्रिप्ट
वाइस मैसेज में दिए गए हैल्प लाइन नंबर पर जब अमेरिकी नागरिकों द्वारा कालिंग की जाती थी। ये कॉल भी कंप्यूटराइज् होती थी। जिसमें प्रेस वन आदि का ऑप्शन दिया जाता था। वन टाइप होते ही उनका कॉल VICIDIAL पर लैंड होता है। फिर ये XLITE साफ्टवेयर का प्रयोग करके अमेरिकी नागरिकों को एक लंबी चौड़ी स्क्रिप्ट कंप्यूटर के माध्यम से सुनाई देती थी। ये पूरी स्क्रिप्ट अमेरिकी नागरिक को डराने के लिए होती थी।
जिसमें अंत में कॉल ट्रांसफर होने के बाद यूएस मार्शल द्वारा अमेरिकी नागरिक को बोला जाता है आपका बैक अकाउंट सीज किया जा रहा है। अगर आपको पैसा सेव करना है तो आपको पैसा अकाउंट से निकालना पड़ेगा। ये पैसा आपको क्रिप्टो करेंसी या गिफ्ट कार्ड में कन्वर्ट कराना होगा। अगर अमेरिकी नागरिक क्रिप्टो करेंसी खरीदना चाहता है तो उसको बार कोड दिया जाता है। जिसके जरिए उसके अकाउंट का पैसा आरोपियों के खाते में ट्रांसफर हो जाता था। और यदि कॉलर द्वारा पैसों को गिफ्ट कार्ड में कंवर्ट करते है जो कॉलर से गिफ्ट कार्ड का नंबर लेकर उसे इंटरनेट के माध्यम से उसे करेंसी में बदलकर अकाउंट में ट्रांसफर करते थे।
20 से 25 हजार रुपए होती थी सैलरी
यहां काम करने वाले सभी आरोपी इसमें शामिल है। इनको 20 से 25 हजार रुपए सैलरी दी जाती थी। ये सैलरी इनके खातों में ट्रांसफर नहीं करके इनको कैश दी जाती थी। एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस मामले में हवाला कारोबार से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं इनके पर्सनल खातों की जांच की जा रही है।
बात करने का तरीके की वजह से नार्थ इस्ट के लोगों को देते थे नौकरी
पकड़े गए 90 प्रतिशत लोग नार्थ ईस्ट के है। इनकी इंग्लिश और बात करने का तरीका काफी हद तक अमरीका लैंग्वेज की तरह है। जिससे ये आसानी से सामने वाले को अपनी बातों में उलझा कर उनको क्रिप्टो बार कोड या गिफ्ट कार्ड बेच देते थे। ये लोग बियर टू बियर लोगों को हायर करते थे। यानी एक नार्थ ईस्ट का अपने साथ दो नार्थ ईस्ट के दोस्त को लेकर आता था। इसी तरह ये दोनों फिर अपने दोस्तों को ज्वाइंन कराते थे।
150 कंप्यूटर सेट के अलावा सर्वर बरामद
इसमें 46 युवक और 38 युवतियां शामिल है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है। इनके अधिकांश टारगेट विदेशी लोग थे। जिनसे करोड़ों की ठगी की गई। अब तक कई करोड़ की ठगी बात क़बूली जा चुकी है। इनके पास से 150 कंप्यूटर सेट, 13 मोबाइल, 1 बड़ा सर्वर, 20 लाख कैश, 42 प्रिंटर और 1 लग्जरी कार बरामद की गई है। पुलिस ने 420, 120 B और 66 IT एक्ट मुकदमा दर्ज किया है। ये विदेशी नागरिकों से लाखों रुपए प्रतिदिन की धोखाधड़ी किया करते थे।
इन लोगों की हुई गिरफ्तार
जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें जोबियल वेसिल, अंकित वर्मा, दीप उर्फ दीपक रितु राज, आयुष राणा, हेमंत सिंह, फराज खान, अलोपु खिवा, पंकज कुमार तौवहतो चिशी, अखरो, व्युगुम लोवो, केएच कविरई, वितोका सुमी, वैखो रैखो, रिंगथेंग बोथिलि का नाम है। इसके अलावा दावद्वान लूंग, चखो सोल, हेम बहादुर, मार्टम्स बाई की छु, गायरिंगम, थिमनिनलल, सैमिनलून, जंखोंगम, चवांग, पानवांग, एस मार्टिन, फान्थंगो, संदीप शर्मा, किमैतो, अहुं, विदौ बाउ, न्युवका सुव, सुखावी सुमि, पंकी जमीर, टीनो, अचलौ, शरणों सिमी, क्योहोटो, कतौलू, सोरभ, होफितो, विवेक इसके अलावा महिलाओं में सोफिया, रेबिक्का, इलिका, श्रेंगयागजोंग, प्रशिला, संध्या, हुलिवि, जैनिफर, ग्रेशी थुमई, हना पत्री, मथिका, कशोनि, लोलिया, टोली, लिटना, बैन्नी शिट्री, लिमासुंगला, एमि, रोजमैरी आदि शामिल है।
150 कंप्यूटर सेट के अलावा सर्वर बरामद
इसमें 46 युवक और 38 युवतियां शामिल है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है। इनके अधिकांश टारगेट विदेशी लोग थे। जिनसे करोड़ों की ठगी की गई। अब तक कई करोड़ की ठगी बात क़बूली जा चुकी है। इनके पास से 150 कंप्यूटर सेट, 13 मोबाइल, 1 बड़ा सर्वर, 20 लाख कैश, 42 प्रिंटर और 1 लग्जरी कार बरामद की गई है। पुलिस ने 420, 120 B और 66 IT एक्ट मुकदमा दर्ज किया है। ये विदेशी नागरिकों से लाखों रुपए प्रतिदिन की धोखाधड़ी किया करते थे।
इन लोगों की हुई गिरफ्तार
जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें जोबियल वेसिल, अंकित वर्मा, दीप उर्फ दीपक रितु राज, आयुष राणा, हेमंत सिंह, फराज खान, अलोपु खिवा, पंकज कुमार तौवहतो चिशी, अखरो, व्युगुम लोवो, केएच कविरई, वितोका सुमी, वैखो रैखो, रिंगथेंग बोथिलि का नाम है। इसके अलावा दावद्वान लूंग, चखो सोल, हेम बहादुर, मार्टम्स बाई की छु, गायरिंगम, थिमनिनलल, सैमिनलून, जंखोंगम, चवांग, पानवांग, एस मार्टिन, फान्थंगो, संदीप शर्मा, किमैतो, अहुं, विदौ बाउ, न्युवका सुव, सुखावी सुमि, पंकी जमीर, टीनो, अचलौ, शरणों सिमी, क्योहोटो, कतौलू, सोरभ, होफितो, विवेक इसके अलावा महिलाओं में सोफिया, रेबिक्का, इलिका, श्रेंगयागजोंग, प्रशिला, संध्या, हुलिवि, जैनिफर, ग्रेशी थुमई, हना पत्री, मथिका, कशोनि, लोलिया, टोली, लिटना, बैन्नी शिट्री, लिमासुंगला, एमि, रोजमैरी आदि शामिल है।