यमुना प्राधिकरण के अधिकारी अब गांवों में जाकर करेंगे किसानों की समस्याओं का समाधान
ग्रेटर नोएडा| गांवों में विकास कार्यों और मुआवजा
आदि के लिए किसानों को अब यमुना
एक्सप्रेस वे प्राधिकरण कार्यालय का
चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। यमुना
प्राधिकरण अब गांव में शिविर लगाकर
किसानों से जनसंवाद करेगा। इसकी
शुरूआत सबसे पहले गांव भाईपुर ब्रह्मनान
से किया जाएगा। 16 मई को प्राधिकरण
के अधिकारी सुबह 11 बजे से शाम पांच
बजे तक गांव में किसानों की समस्याओं
को समाधान करेंगे।
किसानों की समस्याओं को निपटाने
के लिए यमुना प्राधिकरण आगामी
मंगलवार 16 मई को भाईपुर ब्रह्मनान गांव
में शिविर लगाएगा। इसमें किसानों की
समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
शिविर में जिन किसानों को अंतर धनराशि
नहीं मिल पाई है, उन्हें चेक सौंपे जाएंगे ।
किसानों की समस्याओं को निपटाने
के लिए यमुना प्राधिकरण नई मुहिम शुरू
कर रहा है। प्राधिकरण आपके द्वार
कार्यक्रम शुरू करेगा। शिविर में जिन
किसानों को सहमति के आधार पर जमीन
देनी है, वहीं पर फाइल को पास किया
जाएगा। इसके अलावा सीआर सेल में
आने वाली समस्याओं का भी वहां पर
निराकरण किया जाएगा। प्राधिकरण ने
इसकी तैयारी शुरू कर दी है। यमुना
प्राधिकरण ने तिरथली, करौली बांगर,
मोहम्मदाबाद खेड़ा, मेंहदीपुर बांगर और
भाईपुर ब्रह्मनान गांव की जमीन अधिग्रहीत
की थी। इसके बाद मुआवजा बढ़ गया था।
बढ़ा मुआवजा इन किसानों को भी दिया
जाना है। कुछ किसानों को अंतर धनराशि
मिल गई हैं तो कुछ को नहीं मिल पाई।
भाईपुर ब्रह्मनान गांव में लगने वाले शिविर
में किसानों को अंतर धनराशि दी जाएगी |
इससे पहले यमुना प्राधिकरण ने आबंटियों
के लिए सेक्टर में शिविर लगाए थे। उन्हें
भूखंड पर कब्जा दिया और उनकी
समस्याओं को सुना। अब किसानों की
समस्याओं को हल करने के लिए गांवों में
शिविर लगाएगा। शिविर में प्राधिकरण के
भूलेख, परियोजना, नियोजन, विद्युत और
लाँ विभाग के संबंधित अधिकारी मौजूद
थे। इसी तरह प्राधिकरण पहले 15 गांवों में
शिविर का आयोजन करेगा।
मोनिका रानी, कार्यवाहक मुख्य
कार्यपालक अधिकारी, यमुना एक्सप्रेस
वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बताया
सेक्टरों में शिविर लगाकर पहले
आवटियों को, भूखंड पर कला और
उनकी समस्याएं सुनी गई। अब किसानों
की सभी समस्या का समाधान काने के
लिए गा में शिविर आयोजन करने का
फैसला लिया गया। शिविर किसानों को
अतिरिका मुआवजा, गांव का विकास,
सीधे जमीन खरीदने के लिए किसानों की
सहमति मौके पर ली जाएगी।