Chandrayaan-3: चांद की सतह पर पहुंचा हिंदुस्तान, पीएम ने कहा- ये विकसित भारत का क्षण
आज शाम जैसे ही छह बजकर चार मिनट हुए, भारत ने एक नया इतिहास रच दिया। भारत ने अपने चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग करके अपना नाम विश्व पटल पर और ऊंचा कर दिया है। इस मिशन की सफलता का सारा श्रेय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उन वैज्ञानिकों को जाता है,जिनके रात-दिन के अथक मेहनत से पूरे देश को गर्व करने का मौका मिला। इसी के साथ भारत पूरे विश्व में अकेला ऐसा देश बन गया है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को उतारा है। इस खास मौके पर देश के पीएम भी अपनी नजर बनाए हुए थे। पीएम मोदी इस वक्त 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग में हैं। जैसे ही मिशन सफल हुआ, उन्होंने इसरो सहित पूरे देशवासियों को बधाई दी और सम्बोधित किया। आइए जानते हैं कि पीएम ने क्या कुछ कहा-
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरे प्यारे परिवारजनो! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत की नई ऊर्जा, नई चेतना का है। यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया।”
उन्होंने कहा, ”आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिन्होंने इस क्षण के लिए वर्षों से इतना परिश्रम किया। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे, कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा, जब बच्चे कहा करेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।”