यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनेंगे बंदे भारत ट्रेन के रेल कोच
ग्रेटर नोएड| यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के
सेक्टर-10 में बंदे भारत ट्रेन के लिए रेल कोच बनेंगे । निवेश करने वाली कंपनी ने 100 एकड़ जगह
मांगी है।
वह पहले चरण में सात
हजार करोड़ रुपए का निवेश
‘करेगी। यह कंपनी पश्चिम बंगाल
में पहले से रेलवे के लिए कोच
और पहिए बना रही है। इसका
आवंटन मेगा इनवेस्टमेंट के तहत
होगा। टीटागढ़ वैगंस लिमिटेड
वित्त निदेशक अनिल कुमार
अग्रवाल और रामकृष्ण फारगिन्स
लिमिटेड के एग्जक्यूटिक
डायरेक्टर एंड सीएफओ ललित
कुमार खेतान यमुना प्राधिकरण के
सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह से
मुलाकात की | उन्होंने बताया कि
वह यमुना प्राधिकरण में रेल कोच
बनाने की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं।
इसके लिए उन्हें 100 एकड़ जमीन
की जरूरत होगी। उन्होंने बताया
कि करीब 25 हजार करोड़ रुपए
का निवेश करेंगे। पहले चरण में
25 एकड़ जमीन में सात हजार
करोड़ का निवेश करेंगे। इससे
रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सीईओ ने बताया कि सेक्टर-10 में
जमीन उपलब्ध है। कंपनी के
प्रतिनिधियों ने साइट को भी देखा
और उन्हें पसंद आ गई है। दोनों
कंपनियां ज्वाइंट वेंचर बनाकर यहां
पर औद्योगिक इकाई लगाएंगी।
इससे पहले इस वेंचर पश्चिम
बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड में
भी औद्योगिक इकाई लगाने के
लिए संभावनाएं तलाशी थीं ।
लेकिन अब यीडा में औद्योगिक
इकाई लगाएंगे। प्राधिकरण के
सीईओ का कहना है कि कंपनी को
मेगा इनवेस्टमेंट के तहत जमीन दी
जाएगी। इसके लिए कंपनी शासन
में आवेदन करेगी। टीटागढ़ वैगन्स
लिमिटेड और रामकृष्णा फारगिन्स
लिमिटेड पहले से रेलवे के लिए
काम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में
हर साल 800 रेल कोच बन रहे हैं।
साथ ही रेल पहिये भी बनाए जा रहे
हैं। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-
32 पहले ही मेट्रो कोच बनाने के
लिए 25 एकड़ जमीन आवंटित हो
चुकी है। पीपी इंटरनेशनल कंपनी
जमीन का करीब 44 करोड़ रुपये
का भुगतान कर चुकी है। कंपनी
यहां हर साल 100 मेट्रो कोच
बनाएगी। आत्मनिर्भर भारत के
तहत यह आवंटन किया गया था।
इस उद्योग के लगने से यहां पर एक
हजार से अधिक लोगों को रोजगार
मिलेगा।
यमुना प्राधिकरण बहुत जल्द
कंपनी को जमीन पर कब्जा दे
देगा। इसके बाद यहां पर निर्माण
कार्य शुरू हो जाएगा।