यमुना प्राधिकरण ने कदम ग्रुप , इंडिया बुल्स और एम3एम को जारी किया नोटिस
ग्रेटर नोएडा | नोएडा के सेक्टर-128 में 73 एकड़
जमीन को एम3एम समूह की कंपनी
‘फाइनल स्टेप प्राइवेट लिमिटेड को बेचे
जाने के मामले में यमुना प्राधिकरण ने
कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राधिकरण के
दस्तावेजों में यह जमीन कदम ग्रुप के
नाम है। बिना संपत्ति ट्रांसफर कराए
जमीन कैसी बेची जा सकती है। अब
प्राधिकरण ने संबंधित पक्षों को नोटिस
जारी किया है। इन सभी से टीएम शुल्क
के रूप में 200 करोड़ रुपए वसूल किए
जाएंगे। प्राधिकरण मुकदमा भी दर्ज
करवाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार यमुना एक्सप्रेस वे
का विकास करने में जेपी इंफ्राटेक को
पांच 2500 एकड़ एलएफडी जमीन दी
थी। इसमें एक एलएफडी (लैंड फॉर
‘डवलपमेंट) नोएडा में है। इस एलएफडी
में संपत्ति ट्रांसफर का अधिकार यमुना
एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास
प्राधिकरण को और नक्शा पास करने की
जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की है। इस
‘एलएलफडी में से 73 एकड़ जमीन कदम
ग्रुप ने खरीद ली थी | यमुना प्राधिकरण
में अभी तक यह जमीन कदम ग्रुप के
नाम दर्ज है। कदम ग्रुप शिप्रा समूह से
जुड़ी कंपनी है। गत नौ अप्रैल को
इंदिरापुरम थाने में शिप्रा समूह के अमित
वालिया ने इंडिया बुल्स फाइनेंस
लिमिटेड, एम3एम इंडिया प्रालि के
अधिकारियों समेत 18 लोगों के विरुद्ध
मुकदमा दर्ज करवाया है | गाजियाबाद में
मुकदमा दर्ज होने के बाद यमुना
प्राधिकरण भी हरकत में आ गया। पिछले
दिनों इस मामले को लेकर यमुना
प्राधिकरण के पास एक शिकायत भी
आई थी। मामले की जांच कराई तो यह
संपत्ति अभी कदम ग्रुप के नाम ही है।
बिना ट्रांसफर कराए संपत्ति कैसे बेची
गई | अब प्राधिकरण ने कदम ग्रुप, इंडिया
बुल्स और एम3एम को नोटिस जारी
किया है। नोटिस में ट्रांसफर शुल्क के
200 करोड़ रुपए जमा कराने की बात
कही गई है। इसके अलावा प्राधिकरण
को चेंज इन कांस्टीट्यूशन और चेंज इन
शेयर होल्डिंग की सूचना भी नहीं दी है।
जबकि यह सूचना देना जरूरी है। यह
प्रक्रिया गैरकानूनी है। प्राधिकरण इन
लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज
करवाएगा। यमुना प्राधिकरण ने नोएडा
प्राधिकरण को भी पत्र लिखा है। पत्र में कहा है
कि वह इस जमीन पर एम3एम ग्रुप को नक्शा
न पास करे | क्योंकि अभी तक संपत्ति ट्रांसफर
नहीं कराई गई है। इसके अलावा प्राधिकरण
जेपी इंफ्राटेक को भी पत्र लिखेगा। उससे इस
जमीन का आबंटन निरस्त करने के लिए
कहेगा। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों का
कहना है कि यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है।