आयात होने वाले मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों को मिलेगी प्राथमिकता
ग्रेटर नोएडा | विदेशों से आयात होने
वाले मेडिकल उपकरणों का भारत
में उत्पादन करने की केंद्र सरकार
प्राथमिकता देगा। ऐसी कंपनियों के
लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक
विकास प्राधिकरण के सेक्टर-28 में
विकसित हो रहे मेडिकल डिवाइस
पार्क में जल्द ही भूखंडों की योजना
निकाली जाएगी। यह पार्क 350
एकड़ में विकसित हो रहा है। अब
तक 59 कंपनियों को जमीन
आवंटित की जा चुकी है। आवंटियों
को भूखंड पर जल्द कब्जा दे दिया
जाएगा। इस पार्क का काम अगले
साल फरवरी तक पूरा हो जाएगा।
यमुना. प्राधिकरण के
अधिकारियों और केंद्र सरकार के
फार्मा सचिव के साथ हुई बैठक में
कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
बैठक में जानकारी दी गई कि
केंद्र सरकार ने 340 मेडिकल
उपकरणों की सूची जारी की है,
जिनका आयात करना पढ़ता है।
इन्हीं उपकरण बनाने वाली
कंपनियों को जमीन देने की बात
कही गई है। बैठक में कहा गया कि
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग अब
काफी घट गई है। यमुना प्राधिकरण
के मेडिकल डिवाइस पार्क में ऐसी
नौ कंपनियों को जमीन दी गई है,
जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाती हैं ।
कहा गया कि इन कंपनियों से पूछा
जाए कि क्या वह यहां पर यह
इकाई लगाएंगे। अगर वह नहीं
इच्छुक हैं तो उनके प्रोजेक्ट को
बदला जाए | यह भी तय किया गया
कि अगले साल फरवरी तक
मेडिकल डिवाइस पार्क का विकास
कार्य पूरा किया जाना है। इसके
लिए काम को और तेज किया
जाए। मेडिकल डिवाइस पार्क के
पहले चरण में 37 कंपनियों को
और दूसरे चरण में 22 कंपनियों
को जमीन आबंटित हो चुकी है।
आअब बहुत जल्द आबंटियों को
भूखंड पर कब्जा दे दिया जाएगा
ताकि वह अपना निर्माण कार्य शुरू
कर सकें। इस पार्क में बहुत शीघ्र
पांच बड़ी कंपनियों को जमीन
आबंटित की जाएगी। साक्षात्कार
के जरिये यह आबंटन होगा। इसके
बाद फिर इसकी योजना निकाली
जाएगी ताकि कंपनियों को जमीन
आबंटित की जा सके।