विमानों का पार्ट्स बनाने व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए आएगी भूखंड़ों की योजना
ग्रेटर नोएडा | नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के
दूसरे चरण में विकसित होने वाले
एमआरओ हब के लिए भूखंड योजना
निकालने की तैयारी है। इसके अलावा
नागरिक उड्डयन से जुड़े प्रशिक्षण के
लिए ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और विमानों के
पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के लिए भी
भूखंड योजना आएगी। पहले चरण में
500 एकड़ में यह योजना आएगी।
योजना से. पहले विशेषज्ञ कंपनी
‘पीडब्ल्यूसी से अध्ययन कराया जा रहा
है। एक माह में रिपोर्ट आएगी |
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड
की बैठक गुरुवार को लखनऊ में हुई थी।
यह बैठक नागरिक उड्डयन विभाग के
अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की
अध्यक्षता में हुई थी। इसमें एयरपोर्ट के
पहले चरण का निर्माण कर रही
विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल
एयरपोर्ट प्रालि के अफसर भी शामिल
हुए। बैठक में तीन प्रमुख प्रस्तावों पर
चर्चा हुई। दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर
में एमआरओ हब विकसित किया
जाएगा । इसमें टेंडर निकालने के बजाय
भूखंड योजना लाने की बात कही गई।
इसके अलावा विमानों के पार्ट्स बनाने
वाली कंपनियां और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के
लिए भी भूखंड योजना लाने पर चर्चा
हुई। बैठक में तय किया गया कि
योजना लाने से पहले इसका अध्ययन
कराया जाए।
एयरपोर्ट के लिए नियुक्त सलाहकार
एजेंसी पीडब्ल्यूसी इसका अध्ययन
करेगी। वह बताएगी कि किस तरह से
योजना निकाली जाए। एजेंसी से एक
महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
रिपोर्ट आने के बाद आगे को कार्रवाई की
जाएगी । पूरी एयरपोर्ट परियोजना के लिए
पांच हजार हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई
है। इसके लिए मास्टर प्लान बन चुका है।
यापल इस मास्टर प्लान में संशोधन
चाहती है। उसने संशोधन के बिंदुओं से
अवगत करा दिया है।