जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब का बनेगा प्रमुख केद्र
ग्रेटर नोएडा| जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण में एमआरओ हब विकसित होगा। इसमें विमानों के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां भी आएंगी । इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों से प्रस्ताव लेने के लिए अगले हफ्ते ईओआई निकाली जाएगी। कंपनियों के प्रस्ताव आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन की अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जिला प्रशासन किसानों को मुआवजा बांट रहा है। दूसरे चरण में ‘एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयरिंग’एंड ओवरहालिंग) हब विकसित करने की योजना है। इसके लिए एक डेडीकेटेड रनवे भी बनाया जाएगा। अभी तक देश में विमानों की मरम्मत के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस हब के विकास में कौन-कौन सी कंपनियां आ सकती हैं, इसको लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) अगले हफ्ते तक ईआओआई निकालेगा। इसके जरिए इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे | प्रस्ताव में उनसे यह जानने का प्रयास रहेगा कि वह किस तरह से इस उद्योग में आएंगी |
प्रस्ताव आने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। नियाल की योजना है कि ‘एमआरओ के साथ-साथ यहां पर एयरक्राफ्ट के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को भी लाया जाए। अगर यहां पर एयरपोर्ट की मरम्मत होगी तो उसके लिए पार्ट्स की भी जरूरत पड़ेगी।
नियाल के अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए योजना निकाली जाए, जिसमें एयरक्राफ्ट के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को जमीन आबंटित की जाए। यहां पर इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों को लाने का प्रयास रहेगा।