MBBS की फर्जी डिग्री से लोन लेने वाला गिरफ्तार:धाक जमाने के लिए खुद को बताता था भाजपा का नेता

ग्रेटर नोएडा की दादरी पुलिस ने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाकर अलग-अलग कई लड़कियों से शादी कर बैंकों से फर्जी तरीके से लोन लेने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसके पास से एमबीबीएस की फर्जी डिग्रियां, आर्य समाज मंदिर का फर्जी तरीके से बनाया सर्टिफिकेट और आधार कार्ड सहित एक एंबुलेंस और भारत सरकार और बीजेपी का स्टीकर लगी हुई एक कार बरामद की है। दादरी पुलिस ने शातिर आरोपी पूर्णव शंकर सिघ्साहेब शिंदे को मुंबई के जुहु से गिरफ्तार किया है।
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि आरोपी पूर्णव शंकर खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता है। जिसके पास एक एम्बुलेंस है। जिस पर अश्वपूर्वा हॉस्पिटल लिखा है। आरोपी खुद एक एसेंट गाड़ी चलाता है और फर्जी हास्पिटल बनाकर लोन ले लेता है और पकड़ में न आए इसलिये आयकर भी दाखिल करता है। और अपने आप को भारतीय जनता पार्टी का जिला महामंत्री जिला जलगांव महाराष्ट्र बताता है। जबकि असल मे वो एक फ्रॉड करने वाला व्यक्ति है। जो जाली
दस्तावेज तैयार कर धोखाधडी करके बैंकों से लोन प्राप्त कर पैसों का उपभोग करता है।

छात्रा का दस्तावेज लेकर भाग गया था
आरोपी पूर्णव संकर शिंदे दिल्ली में एक मेडिकल छात्रा से 2019-20 में मिला। छात्रा ने वर्ष 2015 मे आगरा मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की डिग्री ली थी। आरोपी ने अपने आप को बिजनेस मैन बताकर उससे आर्य समाज मंदिर मे विवाह कर लिया। इनका विवाह कुछ दिनों तक ही चला तथा कुछ समय बाद ही डॉक्टर पूजा कुशवाहा को पता चला कि पूर्णव संकर शिंदे की एक पत्नी पहले से है। जब उनको इस बात का पता चला तो दोनों मे अनबन हुई और पूर्णव संकर शिंदे पत्नी पूजा को बिना बताये उसके एजुकेशनल, मेडिकल व आधार कार्ड तथा पैन कार्ड आदि दस्तावेज को लेकर भाग गया।

दूसरे के डाक्यूमेंट्स पर छात्रा का नाम अपडेट कराया
इसके बाद पूर्णव संकर शिंदे द्वारा धोखाधड़ी की नीयत से अपनी पत्नी के आधार कार्ड तथा पैन कार्ड में उसका नाम अपडेट कराकर पूजा नाम कराया और खुद को भी डाक्टर घोषित कर ठगी करने की योजना बनाई। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए इसके द्वारा एक अश्वपुर्वा फाउण्डेशन बनाई और शाहबेरी गौतमबुद्धनगर में एक घर को कुछ समय के लिए किराये पर अश्वपुर्वा मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल के नाम के बोर्ड लगाकर हास्पिटल का रूप दिया गया। दो अलग अलग जीएसटी नम्बर लिया गया, जिसमें से एक पूजा शिंदे तथा दूसरा पूर्णव संकर शिंदे के नाम पर लिया गया। आरोपी द्वारा और अधिक लाभ लेने तथा खुद को सभी जगह से वेरिफाई कराने के लिए अश्वपुर्वा फाउण्डेशन व अश्वपुर्वा मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल के नाम पर वेबसाइट भी बनाई गई। इसके अलावा आरोपी अन्य महिलाओं के सम्पर्क मे आया। जिनको विश्वास मे लेकर उनके आधार कार्ड व पैन कार्ड मे भी उनके नाम को डॉक्टर पूजा पुत्री चन्द्रपाल मे अपडेट कराया और उनके नाम व पैन कार्ड के सिविल स्कोर के आधार पर अलग-अलग बैक व फाइनेंस कंपनी से लोन लिया व गाड़ियां फाइनेंस कराई।

एम्बुलेंस और कार बरामद
आरोपी द्वारा अन्य महिलाओं के आधार कार्ड व पैन कार्ड को अपने हिसाब से अपडेट कराने के लए आर्य समाज मंदिर के विवाह प्रमाण पत्र का प्रयोग किया जाता है। जिसके प्रमाण आरोपी से बरामद दो महिलाओं से तीन विवाह का प्रमाण पत्र है तथा 6 प्रमाण पत्र कोरे है। जिनको उसने द्वारा भविष्य मे प्रयोग किया जाना था। आरोपी द्वारा हास्पिटल का प्रमाण देने के लिए सभी चीजों का प्रयोग किया गया। जिनमें से एक एम्बुलेंस आरोपी के कब्जे से बरामद हुई है। जिसमे चारो तरफ अश्वपुर्वा मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल बड़े लाल रंग के अक्षरो मे लिखा है। इस एम्बुलेंस के नम्बर को चैक करने पर वह किसी लीलावती मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल के नाम पर रजिस्टर्ड है जो 2017 मे अपनी वैधता खो चुकी है। इसके साथ ही आरोपी द्वारा अपना रोब जमाने के लिए एक कार का प्रयोग किया जाता था। जिस पर बडे अक्षरों मे जिला महामंत्री भारतीय जनता पार्टी जिला जलगांव महाराष्ट्र अंकित है।
फर्जी तरीके से ले रहा था रिफंड

इसके द्वारा एक अन्य फर्जी कम्पनी का भी निर्माण किया गया। जिसका नाम अश्वपुर्वा एक्सरे एमेजिंग सेन्टर प्राइवेट लिमिटेड रखा गया औऱ जिसके दो पार्टनर है एक प्रजक्ता पुर्णव शिंदे तथा पुर्णव संकर शिंदे। इस प्रकार कम्पनी को बनाकर अभियुक्त द्वारा फाउण्डेशन औख हास्पिटल आदि के फर्जी बिल बनाये जाते थे और उनको प्रस्तुत कर जीएसटी रिफण्ड प्राप्त किया जाता था ।इससे सरकार को राजस्व की हानि होती थी। आरोपी द्वारा बनाये गये हास्पिटल के स्थान पर असल मे बर्तनों की दुकान है। जबकि हास्पिटल का बोर्ड अभी भी लगा हुआ है। आरोपी द्वारा अपने दस्तावेजों मे भी फेर बदल किया गया औऱ अपना ड्राइविंग लाइसेंस कपिल कुमार त्यागी के नाम से बनवाया गया है।

आरोपी का मकसद डॉक्टर पूजा के एजुकेशनल डाक्यूमेंट का प्रयोग कर अलग अलग महिलाओं के दस्तावेजो को अपडेट कर उनका नाम पूजा करना तथा उनके आधार कार्ड व पैन कार्ड के सिविल स्कोर के आधार पर लोन लेना व उनको वापस न करना है। आरोपी सभी महिलाओ के नाम को पूजा के नाम पर इसलिए करना चाहता था कि उसके पास एक ही सैट एजुकेशनल दस्तावेज थे। जिनको चैक करने पर वह असली निकलते इस कारण से वह अन्य सभी महिलाओं जिनको वह अपने झांसे मे लेता था उनके आधार व पैन कार्ड मे पूजा पुत्री चन्द्र पाल की जन्मतिथि अपडेट कराता था।

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