गौतम बुद्ध नगर पुलिस प्रशासन ने बीआईसी का दौरा किया, मोटोजीपी™ भारत के लिए हाई लेवल सिक्योरिटी और ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर चर्चा की
ग्रेटर नोएडा: बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) में 22 से 24 सितंबर, 2023 तक होने वाले मोटोजीपी™ भारत की तैयारियों के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने के लिए सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें तीन महत्वपूर्ण पक्ष शामिल हुए। इसमें गौतम बुद्ध नगर पुलिस प्रशासन, मोटोजीपी™ भारत और जेपी ग्रुप के अधिकारियों सहित प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ने भाग लिया। बैठक में इवेंट की सुरक्षा और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
स्थानीय पुलिस प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर श्री आनंद कुलकर्णी (एसीपी), श्री साद मिर्जा खान (डीसीपी), श्री अशोक कुमार (एडिशनल डीसीपी), श्री पवन कुमार गौतम (एसीपी -3) के अलावा सुरक्षा रेकी के लिए श्री संजय कुमार सिंह (एसएचओ-दनकौर) और उनकी टीम मौजूद थी।
इस बैठक में शामिल होने वाले जेपी ग्रुप के सदस्यों में एसएम अज़मत, ब्रिगेडियर सुधीर लांबा और मेजर निशांत श्रीवास्तव शामिल थे, जिन्होंने फेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स के अधिकारियों के साथ इस बैठक में शिरकत की।
भारत में मोटोजीपी की समकक्ष माने जाने वाली फेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर पुष्कर नाथ श्रीवास्तव ने कहा, “यह काफी सार्थक बैठक थी। स्थानीय पुलिस भारत के लिए मोटोजीपी™ भारत के महत्व को समझती है और उसने हर संभव तरीके से पूरे सहयोग का वादा किया है। बैठक के बाद इवेंट के सुचारू आर्गेनाइजेशन और लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।”
बैठक में हुई चर्चा के मुख्य प्वाइंट्स में रेस के लिए सुरक्षा व्यवस्था और यातायात योजना की व्यापक समीक्षा शामिल है। इसमें शामिल लोगों ने वीआईपी मूवमेंट्स के लिए हेलीपैड एक्सेस की संभावित जरूरत और वीआईपी मूवमेंट को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ संभाले जाने को लेकर भी चर्चा की।
इस बैठक में शामिल टीम ने सर्किट का इंस्पेक्शन भी किया और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान का मूल्यांकन किया। इसके अलावा, टीम ने दर्शकों को सही तरीके से संभालने और उन्हें रेस के दौरान अच्छा अनुभव देने को ध्यान में रखते हुए ट्रैक का भी दौरा किया।
बैठक के बाद, ज्वाइंट सीपी ने चर्चा में शामिल तमाम प्वाइंट्स पर एक विस्तृत योजना बनाने और अगले 10 दिनों के भीतर आगे की समीक्षा के लिए इसे डीसीपी (ग्रेटर नोएडा) को सौंपने का निर्देश दिया।
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