गलगोटिया विश्वविद्यालय में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के एनएसएस यूनिट वन प्रबल ने 31 मई 2023 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।इस वर्ष के विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम “वी नीड फूड, नॉट टोबैको ” है। 2023 के वैश्विक अभियान का उद्देश्य तम्बाकू उत्पादकों को वैकल्पिक फसल उत्पादन और विपणन संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाकर पोषक तत्वों से भरपूर, टिकाऊ फसलों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अतिरिक्त, यह तम्बाकू की खेती को पर्यावरण के अनुकूल फसलों के साथ बदलने की पहल में बाधा डालने के लिए तम्बाकू उद्योग की रणनीति को उजागर करने का प्रयास करेगा, जिससे विश्व खाद्य संकट और भी बदतर हो जाएगा ।
प्रांजलि मिश्रा जो कि राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक हैं, इनके संरक्षण में सफलता पूर्वक मनाया गया जिसका पर्यवेक्षण डॉ. अरविंद कुमार जो की इस कार्यक्रम के अधिकारी थे उन्होंने बड़ी सफलतापूर्वक किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यापक सुमित सिंह, तथा अध्यापिका मिली धर जी का बहुत ही सहयोग रहा।
इस कार्यक्रम में डॉ. सुभाषचंद्र गुप्ता,गोपाल जन, शिव कुमार, सचिन त्यागी, अमर सिंह, अनिल तथा बी० थिलई ईश्वरन विशेष रूप से उपस्थिति रहे।
इस जागरूकता कार्यक्रम के बाद प्रो. डॉ. के. मल्लिकार्जुन बाबू (गलगोटिया विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति), ए राम पांडे (कार्यक्रम समन्वयक, एनएसएस, गलगोटिया विश्वविद्यालय ), डॉ. अरविंद कुमार (कार्यक्रम अधिकारी एनएसएस, गलगोटिया विश्वविद्यालय), और अन्य ने भाग लिया। कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस, गलगोटिया विश्वविद्यालय और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम की शुरुआत माननीय डॉ. अरविंद कुमार के उद्घाटन भाषण से हुई। प्रतिभागियों ने उपस्थित लोगों को तंबाकू विरोधी दिवस से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूक किया। इस कार्यक्रम में कुल 50 छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया।
इस दिवस पर कार्यक्रम में डॉ. अरविंद कुमार जी ने सभी को इस दिवस के बारे में बताया जैसे की विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व तंबाकू के उपयोग की रोकथाम और नियंत्रण पर केंद्रित है, जो दुनिया भर में रोकथाम योग्य मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। तंबाकू उद्योग पर्यावरण के क्षरण और कमजोर समुदायों के शोषण में भी योगदान देता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और तंबाकू की खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों और कार्यक्रमों की वकालत करने का एक अवसर है। अध्यापक ने सभी को यह भी बताया कि हम इस दिन का उपयोग यह समझकर कर सकते हैं कि तम्बाकू हमारे स्वास्थ्य पर कैसे नकारात्मक प्रभाव डालता है। एक ऐसा तरीका जिससे धूम्रपान हमें प्रभावित करता है वह है फेफड़ों के स्वास्थ्य को खराब करना। अध्यापक ने सभी को यह भी बताया कि शरीर पर धूम्रपान का क्या नकरात्मक प्रभाव पड़ता है जैसे कि हमारे हृदय प्रणाली पर, पाचन तंत्र, त्वचा का स्वास्थ्य, प्रजनन प्रणाली, प्रतिरक्षा प्रणाली तथा मानसिक स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है |
कुल मिलाकर, फेफड़ों की बीमारी के अलावा धूम्रपान कई अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। धूम्रपान छोड़ना सबसे अच्छी चीजों में से एक है जो एक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और इसके जोखिम को कम करने के लिए कर सकता है |
एनएसएस यूनिट-1 के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार सहित एनएसएस की कार्यक्रम समन्वयक प्रांजलि मिश्रा, एनएसएस के विभागीय प्रभारी सुमित कुमार ढांडा व सुश्री मिली धर सहित एनएसएस के सभी छात्र-छात्राओं को तंबाकू के नकरात्मक प्रभाव के बारे मे जागरुकता फैलाने के लिए शपथ दिलाई गई।