यमुना एक्सप्रेस वे पर पिछले साल की अपेक्षा हादसों में आई कमी
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के बीस जिलों में सबसे ज्यादा सड़क हादसों में मौत हुई है। इसमें गौतमबुद्धनगर भी शामिल है। वहीं यमुना एक्सप्रेस वे पर पिछले साल की अपेक्षा सड़क हादसों में कमी आई है। मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रदेशों में सड़क हादसों को लेकर समीक्षा बैठक की । जिसमें यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरूणवीर भी शामिल थे। समीक्षा के दौरान यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की तरफ से एक्सप्रेस बे पर हादसों को लेकर आंकड़ा पेश किया गया। जिसमें यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा को लेकर आईआईटी दिल्ली की तरफ से सुझाए गए नियमों को लागू होने के बाद हादसों में कमी की बात कहीं गई। एक्सप्रेस वे पर 202 में कुल 424 हादसे हुए, जिसमें 136 लोगों की मौत हुई जबकि 958 लोग घायल हुए। 2021 की अपेक्षा 2022 में कुल 38 हादसे हुए, जिसमें लोगों की मौत हुई और 690 लोग घायल हुए । बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी को लेकर यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों को लेकर सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया था। जिस पर प्राधिकरण ने आईआईटी दिल्ली की टीम से सुरक्षा ऑडिट कराया गया था। आईआईटी दिल्ली ने एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा को लेकर कई सुझाव दिए थे। जिसे प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे संचालक कंपनी जेपी इंफ्राटेक को लागू करने का निर्देश दिया था। आईआईटी के सुझाव का पालन किए जाने पर एक्सप्रेस वे पर हादसे में कमी आई है। ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक एक्सप्रेस वे पर क्रेश बीम बैरियर लगाया गया।