मेडिकल डिवाइस पार्क में शत प्रतिशत हो सकेगा विदेशी निवेश
ग्रेटर नोएडा। मेडिकल डिवाइस पार्क (एमडीपी) में अब शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश करने का रास्ता खुला गया है। केंद्र सरकार की तरफसे शत प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश को अनुमति दे दी गई है। मेडिकल डिवाइस पार्क में जापान की कई बड़ी कंपनियां अब निवेश कर सकती है। उत्तर प्रदेश के फार्मा एडवाइजर जीएन सिंह के साथ मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में ऑल इंडिया मेडिकल डिवाइस मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के साथ बैठक हुई । एसोसिएशन को तरफ से मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश को लेकर इच्छा जताई गई। साथ ही सुझाव दिया गया . यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह के साथ 4 सदस्यीय दल जापान और साउथ कोरिया जा रहा है। दल के साथ ऑल इंडिया मेडिकल डिवाइस मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएसन के सदस्य भी शामिल होंगे। एसोसिएशन के लोग जापान की कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर के साथ मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश करना कि विदेशी कंपनी के साथ मिलकर मेडिकल ‘डिवाइस में निवेश की छूट दी जाए। जिसमें यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश फार्मा एडवाइजर जीएन की तरफ से आश्वासन दिया गया कि विदेशी की किसी भी कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाकर भी मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश किया जा सकता है। इससे विदेश के साथ भारतीय कंपनियां भी मेडिकल उपकरण बनाने में सक्षम हो सकती है। ‘कोरोना काल से पहले भारत पूरी तरह मेडिकल उपकरण को लेकर विदेशों पर निर्भर था। मेडिकल डिवाइस में निवेश को लेकर प्रदेश सरकार सबसे ज्यादा जापान पर फोकस किए है। लखनऊ में होने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को लेकर प्रदेश सरकार और चाहती है। दुनिया में मेडिकल उपकरण बनाने में जापान नंबर एक पर है। जिसमें ओलंपस, ‘टेरूमो, निप्रो, सिस्मेक्स, निहों कोहटेन, फुकुदा, ओमरॉन, कोनिका मिनोल्टा, मेनिकॉन शिमद्जु आदि उपकरण जापान की कंपनियां बनाती है। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि मेडिकल डिवाइस में बड़ी कंपनियों के निवेश को लेकर दो सौ एकड़ भूमि आरक्षित किया गया है। जिसकी योजना बुधवार को लॉच कर दी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 350 एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है। पहले चरण में 37 कंपनी को जमीन आबंटित हो चुकी है। दूसरे चरण की योजना बुधवार को निकाली जाएगी।