रेरा के बकाये की वसूली के लिए बकाएदार बिल्डरों पर कसा शिकंजा, 101 बिल्डर कंपनियों के खिलाफ 1705 आरसी, की जानी 503 करोड़ रुपये की वसूली
जिला प्रशासन की गठित 40 टीमों ने बिल्डर कंपनियों के दफ्तरों से लेकर घरों तक जाकर मुनादी करना शुरू कर दिया उनके घर और दफ्तर के बाहर आरसी के नोटिस चस्पा किए जा रहे है. जो मुनादी के बाद भी रिस्पांस नहीं करेंगे। जिला प्रशासन उनकी संपत्ति सील करेगा, जब्त करने की कार्रवाई करेगा और जरूरत के अनुसार जेल भी भेजेगा। बताया कि इनमें तमाम बिल्डर कंपनियों के मालिकों के दफ्तर दिल्ली, फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद या अन्य जिलों में है। वहां जाकर भी हमारी टीमें कार्रवाई करेंगी। वहां के लोकल जिला प्रशासन और पुलिस की सहयोग इसके लिए लिया जाएगा।
डीएम ने बताया, कि 101 बिल्डर कंपनियों में तहसील दादरी के अंतर्गत 73 बिल्डर कंपनियां आती हैं। इसमें कई बड़े बिल्डर ग्रुपों की कंपनियां हैं। वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड से 80.55 करोड़ की आरसी वसूली जानी है। लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. से 34.57 करोड़, सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लि.से 33.56 करोड़, महागुन इंडिया प्रा. लि. से 19.97 करोड़, पार्श्वनाथ डेवलपर्स लि. से 13.39 करोड़, इसके अलावा भी कई बड़े ग्रुपों की कंपनियां इनमें शामिल हैं, जिनसे वसूली होगी।
एसडीएम सदर को अपनी टीम के साथ 28 बिल्डर कंपनियों से आरसी का पैसा वसूलना है। इनमें ग्रीनवे आरिस इंफ्रा से 17.63 करोड़ की वसूली का जानी है। इम्पीरिया स्ट्रक्चर लि. से 9.41 करोड़ की वसूली की जानी है। पार्श्वनाथ डेवलपर्स लि. से 4.99 करोड़, न्यू टैंक प्रमोटर्स से 3.79 करोड़ व बाकी सब इससे कम की राशि वसूली जानी है।
बाइट : अंकित कुमार एसडीएम सदर
जिला प्रशासन ने इस तरह आरसी वसूलने के लिए पहले भी बिल्डरों पर कार्रवाई की है। वर्ष 2021 में 32 बिल्डरों की 315 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कर चुका है. अब जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर वसूली के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया है। आज से ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रशासन का लक्ष्य है कि अगले एक दो महीने में इन 503 करोड़ में से ज्यादा से ज्यादा रकम बिल्डरों से वसूला जा सके।