गौतमबुद्ध विश्विद्यालय में साइबर सुरक्षा की विरासत पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में, सूचना संचार प्रौद्योगिकी नवाचारों और साइबर सुरक्षा की विरासत पर दो दिवसीय (19-20 Jan. 2023) राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन ऑनलाइन मोड में किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंफॉर्मेशन कम्युनिकेशन एंड टेक्नोलॉजी द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स (IETE) नोएडा के सहयोग से किया गया है। उद्घाटन समारोह में सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. बिपिन पाण्डेय ने पूरे भारत के विभिन्न प्रतिभागियों का स्वागत किया। आईसीटी स्कूल के डीन प्रो. एस.के. शर्मा ने सूचना, संचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आविष्कारों और नवाचारों के महत्व के बारे में बताया। IETE के प्रख्यात वक्ता डॉ. एम. एच. कोरी ने वायरलेस नेटवर्क 5G और 6G के विषय पर एक तकनीकी वार्ता की और पूरी दुनिया में इस क्षेत्र में हो रहे जबरदस्त शोध पर जोर दिया। अन्य वक्ता निज़वा विश्वविद्यालय, ओमान सल्तनत के डॉ. नरेश कुमार ने एआई और एमएल के साथ कंप्यूटर विजन और मानव कंप्यूटर इंटरफेस के विषय पर सत्र दिया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स की मदद से मानव और मस्तिष्क कंप्यूटर इंटरफेस अधिक शोध उन्मुख और शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया क्षेत्र बन गया है। सम्मेलन की संयोजक डॉ नीता सिंह एवं डॉ विदुषी शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में 200 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से सर्वश्रेष्ठ 30 शोध पत्रों को प्रस्तुत करने के लिए चुना गया था। सम्मेलन के सह संयोजक डॉ. अनुराग सिंह बघेल ने सम्मेलन में शामिल होने के लिए सभी प्रतिभागियों एवं वक्ताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन कांफ्रेंस सचिव डॉ आरती गौतम दिनकर ने ऑनलाइन माध्यम से किया। उद्घाटन समारोह में डॉ. अरुण सोलंकी, डॉ नवेद रिजवी, डॉ विमलेश कुमार, डॉ प्रियंका, डॉ राजेंद्र आदि भी शामिल हुए। तकनीकी सत्र में, डॉ प्रदीप तोमर ने शिक्षा क्रांति, आईसीटी और डिजिटलीकरण की विरासत पर अपनी विशेषज्ञ वार्ता दी। अपने व्याख्यान में उन्होंने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के विकास और विशेष रूप से कोविड महामारी के समय में इसके बढ़ते उपयोग पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के दूसरे दिन डॉ. विदुषी शर्मा ने लिगेसी नेटवर्कों से आईओटी नेटवर्कों तक: अनुकूलन और अंगीकरण पर तकनीकी वार्ता की । उन्होंने कहा कि समय के साथ नेटवर्क में काफी सुधार हुआ है लेकिन साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। दूसरे सत्र में डॉ. राजेश मिश्रा ने नेटवर्क विश्वसनीयता और नेटवर्क संचालन में उनकी भूमिका पर अपनी तकनीकी बात रखी। उन्होंने कहा कि नेटवर्क सिस्टम में विफलताओं और दोषों की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें सफलतापूर्वक कम किया जा सके।

सम्मेलन के इन सत्रों में सभी प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए।
सम्मेलन के दूसरे दिन के अंत में समापन कार्यक्रम में पेपर प्रस्तुतकर्ताओं को ई-प्रमाणपत्र दिए गए और सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कारों की घोषणा की गई।

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