सुदामा चरित्र सुन भाव विभोर हुए श्रोता, पुष्कर कृष्ण कर रहे हैं श्रीमद्भागवत कथा का वाचन
नोएडा : सेक्टर 82 ईडव्ल्यूएस पॉकेट 7 में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन शनिवार को आचार्य पुष्कर कृष्ण जी ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाई | गरीब ब्राम्हण सुदामा कृष्ण के परम मित्र थे | वे बड़े ज्ञानी ,विषयों से विरक्त एवं जितेन्द्रिय थे | वह भिक्षा मांगकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं ,उनकी पत्नी सुशीला जब बहुत कमजोर हो गयीं तो उन्होंने सुदामा जी से आग्रह किया कि आप अपने बचपन के मित्र कृष्ण के पास जाएँ वह आपकी मदद जरूर करेंगे | पत्नी की हठ के कारण सुदामा जी पत्नी के दिए हुए तंदुल लेकर द्वारका पहुँचते हैं | द्वारपाल को कहा कि कृष्ण से कह दो कि उनके बचपन का मित्र सुदामा आया है | भगवान को जैसे ही खबर मिलती है नंगे पैर दौड़ पड़ते हैं ,कृष्ण सुदामा को गले लगा लेते हैं | भगवान कृष्ण, सुदामा की दीन दशा देखकर रोने लगते हैं | ”देखि सुदामा की दीन दशा ,करुणा करके करुणा निधि रोये ,पानि परात को हाथ छुओ नहीं नैनन के जल सों पग धोये” | कृष्ण पटरानियों सहित सुदामा की सेवा करते हैं और जब वापस लौटते हैं तो अपनी सुदामापुरी को द्वारकापुरी जैसा बना भव्य पाया | सुदामा के आँखों में आंसू आ गए कि हे मित्र आप बिना कहे ही सब कुछ दे देते हैं | भगवान का सुमिरन करते हुए अंत में प्रभु के धाम पहुँचते हैं | इसके आलावा भगवान के गोलोकधाम जाने की कथा सुनाई | शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सातवें दिन की कथा सुनाई ,तक्षक नाग आता है और परीक्षित को डस लेता है लेकिन भागवत कथा श्रवण के कारण उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है |
आयोजन समिति के सदस्य राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 5 नवम्बर दिन रविवार को सुबह 9 हवन पूजन होगा तदोपरांत आचार्य पुष्कर कृष्ण जी आशीर्वचन देंगे | दोपहर 12 बजे से भंडारा शुरू होगा |
इस मौके पर शिवब्रत तिवारी ,रवि राघव ,एनके सोलंकी ,सुशील पाल ,देवमणि शुक्ला ,संजय शुक्ला ,देवेंद्र गुप्ता ,अंगद सिंह ,अमितेश सिंह ,मुन्ना चौधरी ,सुभाष शर्मा ,घनश्याम जोशी ,संतोष तिवारी ,रमेश वर्मा ,राजेश गुप्ता ,विकाश बेरवाल सहित तमाम भगवत्प्रेमी श्रोतागण एवं आयोजन समिति के सदस्य मौजूद रहे |