ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 128वीं बोर्ड में लिए गए निर्णय, ग्रेनो की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी फसाड लाइटें
–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने फसाड लाइट पॉलिसी को दी मंजूरी
–ग्रेनो के प्रमुख मार्गों के किनारे स्थित भवनों में लगवाने की तैयारी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए फसाड लाइटें लगवाई जाएंगी। ये लाइटें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, 130 मीटर रोड और 105 मीटर रोड पर स्थित बिल्डिंगों पर उनके मालिकों को खुद से लगानी होंगी। इस पॉलिसी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
ग्रेटर नोएडा देश के प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में उभरा है। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर कई प्रमुख शहरों से बेहतर है। हरियाली और चौड़ी सड़कें यहां की पहचान है। सड़कों पर स्ट्रीट लाइटों की दुधिया रोशनी से यह शहर खूबसूरत लगता है। इस खूबसूरती में और इजाफा करने के लिए फसाड लाइटें लगवाने का निर्णय लिया गया है। ग्रेटर नोएडा की प्रमुख सड़कों, मसलन नोएडा एक्सप्रेसवे, 130 मीटर रोड, 105 मीटर रोड के किनारे स्थित बिल्डिंगों को रोशनी से जगमग कराया जाएगा। इसकी पॉलिसी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मुहर लगा दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से प्राधिकरण दफ्तर और 130 मीटर चौड़ी रोड के दोनों ओर स्थित मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों पर उनके मालिकों की तरफ से फसाड लाइटें लगवाई जाएंगी। रोड की तरफ फ्रंट एलिवेशन में कम से कम 40 फीसदी क्षेत्रफल पर फसाड लाइटें लगाने का प्रावधान किया गया है। ये लाइटें मल्टी कलर में होंगी। लेजर बीम का भी प्रयोग किया जा सकता है। नोटिस जारी होने से चार माह में फसाड लाइटें लगानी होंगी। ऐसा न करने पर लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इन मार्गों पर स्थित बिल्डिंगों पर फसाड लाइटें लगाने के बाद ही अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
—————————-–———————–
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक में लिए गए अन्य निर्णय
–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर पॉलिसी को अडॉप्ट (अंगीकृत) कर लिया है। इससे अब ग्रेटर नोएडा में अब डाटा सेंटर बनाना और भी आसान हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने डाटा सेंटर के लिए आईटी-आईटीईएस के समान दरों पर मुहर लगा दी है।
–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वेयर हाउसिंग व लॉजिस्टिक भूखंडों की मांग को देखते हुए शीघ्र ही योजना लाने की तैयारी कर शुरू कर दी है। प्राधिकरण बोर्ड ने इसे उद्योग की श्रेणी में रखते हुए पॉलिसी पर अपना अप्रूवल दे दिया है।
— ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी नोएडा की भांति किसानों को आवंटित चार, पांच, छह, आठ व 10 फीसदी आवासीय भूखंडों पर भवन निर्माण में देरी पर लगने वाले विलंब शुल्क को काफी कम कर दिया है। अब विलंब शुल्क अधिकतम 12 प्रतिशत के बजाय अधिकतम पांच प्रतिशत ही लगेगा।
–आबादी की लीज बैक के प्रकरणों में मूल किसान की मृत्यु हो जाने पर उनके वारिसान का नाम चढ़ाने की पॉलिसी पर भी प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बिल्डर, औद्योगिक संस्थागत, आईटी-आईटीईएस की वर्तमान व आने वाली योजनाओं के तय नियम शर्तों पर बोर्ड ने अप्रूवल दे दिया है।
–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में जल्द ही रिक्त प्लॉटों की योजना आएगी। इन भूखंडों का आवंटन ई ऑक्शन से करने के लिए प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।