पर्यावरण की शुद्धि एवं विश्वशांति के लिए ईशान इंस्टीट्यूट, ग्रेटर नोएडा में महायज्ञ का आयोजन
ग्रेटर नोएडा: आज दिनांक 22 नवम्बर से दिनांक 26 नवम्बर, 2022 तक आयोजित वेदों पर आधारित महायज्ञ का आयोजन ईशान इंस्टीट्यूट, ग्रेटर नोएडा के प्रांगण में किया जा रहा है।
गुरूकुल कन्या महाविद्यालय, नजीमाबाद, उत्तर प्रदेश के प्रधानाचार्या डा0 प्रियंवदा के मार्गदर्शन में एवं पाँच गुरूकुल कन्या के द्वारा वेदों मंत्रों का उच्चारण के साथ संस्था के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अन्य कर्मचारी एवं मैनेजमेंट के सदस्यों को हवनयज्ञ का आयोजन कराया जा रहा है।
संस्था के चैयरमेन डॉ.डी0के0 गर्ग ने कहा कि “प्रकृति में पर्यावरण संतुलन बनाये रखने हेतु प्राकृतिक संसाधनों का दोहन एवं जीव-जन्तुओं की हत्या रोकना होगा। हवन यज्ञ से पर्यावरण की शुद्धि होती है और पर्यावरण अशुद्ध होने से बचता है। अतः सभी को प्रत्येक दिन प्रातः काल में हवन-यज्ञ करना चाहिए। इससे शरीर की शुद्धि होती है और छात्र-छात्राओं को ज्ञानार्जन एवं सीखने में सुलभता होता है। सभी को प्रातः काल उठकर हवन यज्ञ करना चाहिए जिससे कि उनके जीवन में उच्च आदर्श एवं अच्छे संस्कार के साथ देश एवं समाज की सेवा करने हेतु तत्पर होंगे।“
इस अवसर पर दर्शनयोग विश्वविद्यालय, गुजरात के निदेशक स्वामी विवेकानन्दजी परिव्राजक ने जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष बताया, उन्होंने कहा कि- 1. प्रायः यह देखा गया है कि धनोपार्जन करने हेतु छात्र-छात्राएँ विदेश चले जाते हैं और कुछ वर्ष के बाद वे फिर वहीं बसने का प्रयास करने लगते है और कुछ वहीं बस भी जाते हैं, यह धर्म विरूद्ध है। आप देश के संसाधनो का भोग करने के बाद एवं समाज से 20-21 वर्षों तक सेवा लेने के बाद, आप राष्ट्र एवं समाज के ऋणी है। आपको भी समाज एवं राष्ट्र को अपने सेवा से अपने ऊपर ऋणों से मुक्ति प्राप्त करना होगा। अपने माता-पिता, गुरूजनों, बड़ों की सेवा करना होगा। सभी को अपने माता-पिता की सेवा करना प्रथम कर्तव्य एवं धर्म है। इससे दूर भागना कर्तव्य हीनता एवं अधर्म है और आपको मोक्ष नहीं प्राप्त होगा। 2. विश्व में आये भूकम्प एवं प्राकृतिक आपदा इत्यादि का मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों का दोहन एवं अशुद्धिकरण बताया। हम भोग करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग करते है, आहार हेतु प्राकृतिक जीव-जन्तुओं की हत्या कर देते हैं और अपने दैनिक कार्यों से पर्यावरण को नुकशान पहुँचाते है. पर्यावरण की रक्षा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकना होगा और सभी दैनिक यज्ञ प्रातःकालीन करना चाहिए। 3. उन्होंने यज्ञ करने के तीन लाभ बताया- देव पूजा, संगतिकरण, दान।
इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन सपरिवार, जनरल सेकेटरी ओ0पी0 अग्रवाल जी, सीइओ श्री तुषार आर्य, श्री अमन आर्य, ईशान आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्या डॉ0 जशविन्दर कौर, प्रोफेसर ए0के0 शर्मा, प्रोफेसर अंकुश अवध, डॉ0 मो0 खैरूवाला, डॉ0 सुशांत पाण्डेय – डारेक्टर, ईशान आयुर्वेदा हॉस्पीटल के सभी डॉक्टरगण एवं कर्मचारीगण, संस्थान के सभी विभागों- लॉ (एल0एल0बी0 एवं बी0ए0एल0एल0बी0), फार्मेसी (डी0फार्मा), एजेकेशन (बी0एड0-एम0एड0), मैनेजमेन्ट(बी0बी0ए0-बी0कॉम0), आयुर्वेदा (बी0ए0एम0एस0) के 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं, शिक्षकगणों एवं कर्मचारियों ने इस महायज्ञ में भाग लिया। यह महायज्ञ पाँच दिनों तक चलेगा।