डीएमआइसी परियोजना से प्रभावित किसानों को न्याय की उम्मीद जगी : सुनील फौजी, किसान नेता
डीएमआइसी परियोजना से प्रभावित किसानों को न्याय की उम्मीद जगी, अर्जन निकाय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा प्रभावित किसानों की आबादियों का जबरन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ पीड़ित किसानों की दर्जन भर याचिकाओं पर मा. हाई कोर्ट इलाहाबाद ने 20 अक्टूबर 2022 को हुई सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का दिया आदेश, आदेश का अनुपालन नहीं करने पर ऐडवर्स ( प्रतिकूल) आदेश करने की भी चेतावनी दी। कोर्ट अब 02 दिसम्बर 2022 को करेगी अगली सुनवाई।
किसान अधिकार युवा रोजगार आन्दोलन की ओर से किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने बताया कि दिल्ली मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना से प्रभावित गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के चिटहैरा, कठेडा एवं पल्ला-पाली और बोड़ाकी आदि गांवों के किसानों की आबादियों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा जबरन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ आबादियों को ज्यों का त्यों छोड़े जाने के लिए प्रभावित पीड़ित किसानों द्वारा दर्जनों याचिकाओं के माध्यम से मा. हाई कोर्ट इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर पूर्व में मा. हाई कोर्ट ने स्टेट ऑफ यू पी और जिला प्रशासन को पिछले वर्ष 4 दिसम्बर 2021 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था परन्तु इस दौरान बीच बीच में कई बार हुई सुनवाई के बाद अभी तक भी सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जवाब दाखिल नहीं किया था। जिसके सम्बंध में दिनांक 20 अक्टूबर 2022 को हुई सुनवाई के दौरान किसानों की ओर से मा. हाई कोर्ट में अधिवक्ता मनोज कुमार दूबे ने मजबूती से किसानों का पक्ष रखा, जिस पर विचार करते हुए मा. न्यायाधीश महोदया सुनीता अग्रवाल एवं मा. न्यायाधीश विपिन चन्द्र दीक्षित महोदय की खण्ड पीठ ने सरकार और जिला प्रशासन से 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का तथा ऐसा नहीं करने पर प्रतिकूल आदेश करने की चेतावनी भी दी है। इसी क्रम में सरकार और जिला प्रशासन का जवाब आ जाने पर किसानों को भी 2 सप्ताह में उस जवाब का प्रति-जवाब दाखिल करने का निर्देश मा. न्यायालय ने दिया है, मा. कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई के लिए 2 दिसम्बर 2022 की तारीख तय की गई है।