“मेजर रोहित चौक” होगा ऐस सिटी के सामने के गोलचक्कर का नाम
● *मेजर रोहित के परिजनों व ग्रे. नो. वेस्ट के निवासियों में संतुष्टि, पिछले 1 साल से माँग कर रहे थे*
● *कल ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव हुआ पास*
आपको बता दें कि 21 सिंतबर 2021 को जम्मू के पटनीटॉप में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में ऐस सिटी निवासी भारतीय सेना के मेजर “रोहित कुमार” शहीद हो गए थे।
मेजर रोहित के माता-पिता, ऐस सिटी व ग्रे. नो. वेस्ट क्षेत्र के निवासी पिछले 1 साल से मेजर रोहित के सम्मान के रूप में ऐस सिटी गोलचक्कर का नाम उनके नाम पर रखने की माँग कर रहे थे।
गत वर्ष 8 नवंबर को इस संदर्भ में एक ज्ञापन ग्रे. नो. अथॉरिटी के ACEO को सौंपा गया था। साथ ही उस ज्ञापन की कॉपी जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों को भी दी गयी थी और जनपद के 6 सांसदों व विधायकों ने अपनी अनुशंसा संबंधी पत्र ग्रे. नो. अथॉरिटी को लिखें थे।
निवासियों ने बताया कि इसके लिए सेना के कमांड आफिस ने भी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को अनुशंसा पत्र लिख था। साथ ही निवासियों ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव, अपर मुख़्य सचिव औधोगिक विकास विभाग तक पहुँचाया। इसके लिए निवासियों ने RTI का सहारा भी लिया।
अंततः आज ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अपनी बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा और बोर्ड ने इसको स्वीकृति दी।
मेजर रोहित कुमार की पहली पुण्यतिथि (21 सितंबर) से पूर्व हुए इस निर्णय से उनके परिजनों व प्रियजनों में संतुष्टि का भाव है और उन्होंने ग्रे. नो. अथॉरिटी सहित इस कार्य में संलग्न व प्रयासरत लोगों का आभार व्यक्त किया है।
प्रयास करने वाली टीम में सोसाइटी व बाहर के लगभग सैकड़ों लोगों ने अपने अपने स्तर पर इस कार्य में यथासंभव योगदान दिया।
सभी निवासियों ने विशेष तौर पर मीडिया के सहयोग के लिए ABP न्यूज़, आजतक, दैनिक जागरण, नवभारत टाइम्स, अमरउजाला, ट्राइसिटी टुडे व एनसीआर खबर का धन्यवाद दिया।
इस कार्य में योगदान देने वाले ऐस सिटी निवासी का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इस तरह की पालिसी का न होना इस मांग को पूरा करने में बड़ी चुनौती थी। चूँकि अब यह पालिसी बन गयी है तो आने वाले समय मे इस तरह के प्रेरणा स्मारक बनाने में प्राधिकरण को भी आसानी होगी।
इस कार्य के लिए प्रयासरत टीम अब इस बात पर मंथन कर रही है कि आने वाली 21 सितंबर (जो मेजर रोहित कुमार की प्रथम पुण्यतिथि है) को इस गोलचक्कर में उनकी स्मृति में प्रेरणा स्मारक बनाने के कार्य का शुभारंभ किया जाए।