पितृ पक्ष में कौवों को भोजन कराने का क्या महत्व होता है, बता रहे हैं श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर आचार्य अशोकानंद जी महाराज योगीराज सूर्यवंशी बिसरख धाम

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का काफी महत्व होता है इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से 25 सितंबर 2022 तक चलेगा, पितृ पक्ष में पित्तरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, इसके साथ ही इस दिन कौवों को भी भोजन कराया जाता है, इस दिन कौवों को भोजन कराना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है पितृपक्ष में पित्तरों का

श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर आचार्य अशोकानंद जी महाराज योगीराज सूर्यवंशी बिसरख धाम

श्राद्ध और तर्पण करना जरूरी माना जाता है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो उसे पित्तरों का श्राप लगता है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध करने के बाद जितना जरूरी भांजे और ब्राह्मण को भोजन कराना होता है, उतना ही जरूरी कौवों को भोजन कराना होता है, माना जाता है कि कौवे इस समय में हमारे पित्तरों का रूप धारण करके पृथ्वीं पर उपस्थित रहते हैं *इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है जो कि इस प्रकार है* ऐसी मान्यता है कि एक इन्द्र के पुत्र जयन्त ने ही सबसे पहले कौवे का रूप धारण किया था, यह कथा त्रेतायुग की है, जब भगवान श्रीराम जी ने अवतार लिया और जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारा था, तब भगवान श्रीराम चंद्र जी ने तिनके का बाण चलाकर जयंत की आंख फोड़ दी थी, जब उसने अपने किए की माफी मांगी, तब श्री राम भगवान ने उसे यह वरदान दिया कि तुम्हें अर्पित किया भोजन पितरों को मिलेगा, तभी से श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने की परंपरा चली आ रही है, यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौवों को ही पहले भोजन कराया जाता है.! इस समय में कौवों को न तो मारा जाता है और न हीं किसी भी रूप से सताया जाता है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे पित्तरों के श्राप के साथ- साथ अन्य देवी देवताओं के क्रोध का भी सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की कोई सुख और शांति प्राप्ति नहीं होती है। पितर पक्ष के समय बली जरूर निकाले ! *1. चींटी,* *2. गाय,* *3.कौआ,* *4. कुत्ता,* शुभाकांक्षी *श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर आचार्य अशोकानंद जी महाराज योगीराज सूर्यवंशी बिसरख धाम

यह भी देखे:-

नोएडा में छठ महापर्व की धूम, व्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य
तीन दिन सीएम योगी अनुष्ठान व आराधना में रहेंगे लीन, आयोजित होंगे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम
आज रमा एकादशी व्रत 11 नवंबर 2020, बुधवार को रखें
ब्रम्हचारी कुटी में महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री का हुआ पूजन व हवन
भारत में अदृश्य सूर्यग्रहण से होगी 2080 की समाप्ति, इस वर्ष का राजा सेनापति मंगल देव तथा मंत्री बने ...
कल का पंचांग, 24 जून 2025, जानिए शुभ एवं अशुभ मुहुर्त
आज का पंचांग, जानिए शुभ एवं अशुभ मुहूर्त
नोएडा एक्सटेंशन मे हुआ भव्य कलम दावत का पूजन
कल का पंचांग , 18 नवम्बर 2024, जानिए शुभ एवं अशुभ मुहूर्त
भव्य माता की चौकी में उमड़े हजारों श्रद्धालु
ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा लाइफ आलटेरींग मेडिटेशन वर्क्शाप का आयोजन
कल का पंचांग 15 अप्रैल 2025, जानिए शुभ एवं अशुभ मुहूर्त
कृष्ण के बिना जीत नही सकते: आचार्य प्रशान्त
लवकुश धार्मिक रामलीला : नारद मोह की भावपूर्ण लीला देख गदगद हुए दर्शक
राष्ट्र चिंतना में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: सनातन संकल्प विषय पर गोष्ठी आयोजित
आज का पंचांग, 2 फरवरी 2021, जानिए शुभ एवं अशुभ मुहुर्त