हल्दौनी मोड़ पर जलभराव की समस्या जल्द होगी दूर
- वर्षा जल की निकासी के लिए बनेगी आरसीसी ड्रेन, टेंडर जारी
- ग्रेनो प्राधिकरण ने 14 कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये के निकाले टेंडर
ग्रेटर नोएडा। बारिश के दौरान हल्दौनी मोड़ पर होने वाली जलभराव की समस्या जल्द दूर हो सकती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसका स्थायी हल निकालने के लिए आरसीसी ड्रेन बनाने का निर्णय लिया है। इस पर पांच करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का आकलन है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कुल 14 कार्यों के लिए 25.27 करोड़ रुपये के टेंडर निकाले हैं।
दरअसल, हल्दौनी मोड़ पर जल निकासी की व्यवस्था ठीक न होने के कारण तेज बारिश के दौरान जलभराव की समस्या हो जाती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने हाल ही में समीक्षा बैठक कर परियोजना विभाग को हल्दौनी मोड़ पर जलभराव की समस्या का स्थायी हल निकालने के निर्देश दिए थे। इसे देखते हुए परियोजना विभाग ने हल्दौनी मोड़ से हिंडन नदी तक करीब 800 मीटर लंबी आरसीसी ड्रेन का निर्माण करने के लिए 5.05 करोड़ रुपये के टेंडर निकाले हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी कर इसका निर्माण जल्द शुरू कराने की तैयारी है। वहीं, सीईओ के निर्देश पर 13 अन्य कार्यों के लिए भी टेंडर निकाले गए हैं। सेक्टर इकोटेक वन एक्सटेंशन की आंतरिक सड़कों की रीसर्फेेसिंग कराई जाएगी। इस पर 4.42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्मार्ट विलेज जलपुरा को विकसित करने पर 5.70 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 39 लाख रुपये की लागत से पाली में बरातघर को दुरुस्त कराया जाएगा। सेक्टर नॉलेज पार्क टू में पंचवटी पार्क, कलाग्राम व प्रमोनेड पार्क में पेड़-पौधे, लॉन व सिविल कार्यों के साथ ही 3 साल के रखरखाव कार्यें पर 1.58 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कासना स्थित 137 एमएलडी एसटीपी में 10 एमएलडी क्षमता का एमपीएस का डिजाइन, निर्माण, कमिशनिंग, तीन साल तक संचालन व रखरखाव के लिए 3.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा सेक्टर अल्फा वन व टू, बीटा वन व टू, गामा वन व टू, गामा पॉकेट -ए, सिग्मा वन, टू, थ्री व फोर, सेक्टर ज्यू, म्यू, ओमीक्रॉन, पी-3, पी-4, स्वर्णनगरी, पाई वन व ओमेगा वन आदि सेक्टरों में जिम उपकरण लगाने के लिए प्लेटफॉर्म का निर्माण कराया जाएगा। इन कार्यों पर करीब 49 लाख रुपये खर्च होंगे। ऐसे कुल 14 कार्य कराए जाने हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीएम प्रोजेक्ट एके अरोड़ा ने बताया कि इन सभी कार्यों के लिए एक माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण शुरू कराने और तय समयावधि में पूरा करने का लक्ष्य है।