अरबों रुपए की भूमि घोटाले में एक और एफ आई आर दर्ज
ग्रेटर नोएडा: चिटहेडा भूमि घोटाला प्रकरण में उत्तराखंड कैडर के 03 अधिकारियों के परिजनों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज, 02 आईएएस अधिकारी, 01 आईपीएस अधिकारी के परिजनों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज, पिता, मां और ससुर के नाम खरीदी थी जमीन, भूमि घोटाले में शामिल है तीनों अधिकारियों के परिजन, यशपाल तोमर के करीबी बताए जाते है तीनों अधिकारी।
ग्रेटर नोएडा : जिला गौतम बुध नगर के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले के मामले में जिला प्रशासन की तरफ से रविवार को दूसरी एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में शनिवार को एक मुकदमा दर्ज हुआ था. इस घोटाले में तत्कालीन समय में तैनात रहे तीन एसडीएम की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। अपर पुलिस उपायुक्त जोन तृतीय विशाल पाण्डे ने बताया कि राजस्व निरीक्षक पंकज निरवाल ने थाना दादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि ग्राम चिटेहरा की भूमि प्रबंध समिति ने 282 व्यक्तियों को कृषि भूमि के आवंटन का प्रस्ताव 3 जुलाई 1997 को पास किया था, जिन्हें तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने 20 अगस्त 1997 को स्वीकृति प्रदान की थी. इन पट्टों को लेकर अनेकों शिकायत मिली। तमाम तरह की कमियां पाई गई. भूमाफिया यशपाल ने अपने तीन नौकरों कर्मवीर, बेलू और कृष्णपाल को गांव चिटहरा का निवासी बनाकर उनके नाम सैकड़ों बीघा जमीन करवा ली. उन्होंने बताया कि पंकज निरावल ने अपनी शिकायत में कहा है कि दादरी तहसील के अधिकारियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया. सन 1997 के पट्टे का जब तक यशपाल तोमर के आदमियों के नाम नहीं हुए बहाल नहीं किए गए। यशपाल तोमर के नौकरों के नाम एग्रीमेंट होते ही इन पट्टों की पत्रावली एडीएम हापुड़ के यहां ट्रांसफर कर दी गई। एडीएम हापुड़ के न्यायालय ने पट्टा बहाली का आदेश पारित कर दिया। पट्टे बहाल होने के तुरंत बाद दादरी तत्कालीन एसडीएम ने एक साथ 111 पट्टा धारियों को संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया गया। यह फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका। यशपाल तोमर ने सरकारी दस्तावेज और पत्रावली में ओवर राइटिंग करके रकबा बढ़ाया। इस बढे रकबे की रजिस्ट्री उसने अपने आदमियों के नाम करवा ली। कुछ जमीनों का मुआवजा ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से उसने हासिल कर लिया। आरोप है कि यशपाल तोमर ने अपने नौकरों के नाम भी पावर ऑफ अटॉर्नी करवाई। उन्होंने बताया कि इस मामले में यशपाल तोमर, नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, बैलू , कृष्णपाल, एम. भास्करन , के.एम. संत, गिरीश वर्मा , श्रीमती सरस्वती देवी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। इनके खिलाफ शनिवार को भी लेखपाल की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर दादरी तहसील में तैनात लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है.