शारदा विश्वविद्यालय के आंतरिक परीक्षा में पूछे गए सवाल पर विवाद, जांच कमेटी गठित , प्रश्न पत्र बनाने वाला प्रोफ़ेसर निलंबित
ग्रेटर नोएडा : शारदा विश्वविद्यालय का बीए पॉलिटिकल साइंस का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक प्रश्न पत्र में छात्रों से फासीवाद, नाजीवाद और हिंदुत्व के बीच समानताएं लिखने के लिए कहा गया था। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता विकास प्रीतम सिन्हा ने विश्वविद्यालय के बीए राजनीति विज्ञान के पेपर की कॉपी मीडिया पर सोशल शेयर की है जिसमें कथित तौर छठवें नंबर के प्रश्न में छात्रों से पूछा गया कि क्या आप फासीवाद, नाजीवाद और हिंदू राइट विंग (हिंदुत्व) में कोई समानता पाते हैं? इसे तर्क के साथ विस्तृत रूप से लिखिए.
यूनिवर्सिटी का नाम 'शारदा' पर कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को 'हिन्दुत्व' को अनिवार्य रूप से फासी और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है। यह प्रश्नपत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है. (Q no. 6)@myogiadityanath @dpradhanbjp @shalabhmani pic.twitter.com/rtTTJzyA0u
— विकास प्रीतम सिन्हा (@VikashPreetam) May 6, 2022
प्रश्न आते ही कुछ विद्यार्थियों ने इसका विरोध कर डाला । वहीं, पेपर सोशल मीडिया में वायरल होने लगा। मामले में सामाजिक संगठनों और युवाओं ने जमकर इस कृत्य को ट्रोल किया है। और तो और सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी जमकर आवाज उठ रही हैं।
इस मामले में लोगों ने जमकर इस तरह की शिक्षा देने की भर्त्सना की है। वहीं, भाजपा और हिंदू संगठनों ने भी विश्वविद्यालय और पेपर बनाने वाले शिक्षकों पर जमकर भड़ास निकालते हुए ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में डॉ. अजीत कुमार, रजिस्ट्रार और निदेशक मीडिया शारदा विश्वविद्यालय ने बताया यह मिड टर्म परीक्षा थी। इसमें आंतरिक रूप से विभाग के प्रोफेसर ही पेपर को बनाते हैं। प्रकरण में विश्वविद्यालय ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रोफ़ेसर को निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय एक जांच कमेटी गठित कर दी है। रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।