गुरुकुल में परंपरागत रूप से मनाई गई अक्षय तृतीया

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ईटा 1 में संचालित महर्षि पाणिनि वेद- वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल में भगवान परशुराम जन्मोत्सव एवं अक्षय तृतीया का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरुकुल के बटुकों के द्वारा भगवान परशुराम का पूजन एवं विधि-विधान से यज्ञ किया गया।

यज्ञ के पश्चात कार्यक्रम में पधारे महानुभावों को संबोधित करते हुए गुरुकुल के संस्थापक आचार्य रविकांत दीक्षित जी ने अक्षय तृतीया के बारे में बताते हुए कहा “आज के ही दिन (वैशाख शुक्ल तृतीया) त्रेता युग में भगवान विष्णु के छठे अवतार महर्षि जमदग्नि की पत्नी रेणुका के गर्भ से अवतरित हुए।  उनका यह आवेशावतार था। भगवान परशुराम का क्रोध लोक मंगलकारी था। उन्होंने सहस्त्रार्जुन जैसे अनेकों राक्षसों का वध करके लोक में शांति स्थापित की। अक्षय तृतीया के महत्व को बताते हुए कहा कि आज ही के दिन त्रेता युग का प्रारंभ माना जाता है। इसीलिए युग की प्रथम तिथि होने से यह बहुत ही पुण्य दायिनी होती है। अक्षय तृतीया में किया गया दान- पुण्य हजारों गुना हो करके हमें प्राप्त होता है। नारद पुराण के अनुसार आज के दिन किया गया शुभ कार्य अक्षय हो जाता है और वह जन्म जन्मांतर में सुख समृद्धि प्रदान करता है। गुरुकुल में रह रहे बटुकों के उत्थान के लिए गुरुकुल के महत्व बताते हुए कहा कि सहयोग की दृष्टि हमेशा से ही अपेक्षित रही है और मैं सभी से आवाहन करता हूं कि वह आए और हमारी भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से हमारे साथ ही मिले यथासंभव हमारा सहयोग करें। पूजन अर्चन करने के बाद यज्ञ एवं विशाल भंडारे का आयोजन प्रशांत चौधरी जी के द्वारा किया गया।  इस अवसर पर गुरुकुल के संरक्षक श्री नवानी जी ने कहा कि आप सभी से अनुरोध है कि आप यथा सामर्थ गुरुकुल में अवश्य सहयोग करें, जिससे गुरुकुल की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। इस अवसर पर श्री वेद प्रकाश शर्मा जी, अरविंद शर्मा जी का विशेष सहयोग रहा।

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